आरोपी आइएफएस अधिकारी पीसी मश्रिा पर मुकदमा चलाने का फैसला

आरोपी आइएफएस अधिकारी पीसी मिश्रा पर मुकदमा चलाने का फैसला नेशनल गेम्स घोटाला – विधि विभाग की सहमति के बाद केंद्र सरकार से मांगी गयी अनुमति सरकार को 50 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप – हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में 34वें नेशनल गेम्स में हुए घोटाले की जांच के लिए दर्ज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2015 6:42 PM

आरोपी आइएफएस अधिकारी पीसी मिश्रा पर मुकदमा चलाने का फैसला नेशनल गेम्स घोटाला – विधि विभाग की सहमति के बाद केंद्र सरकार से मांगी गयी अनुमति सरकार को 50 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप – हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में 34वें नेशनल गेम्स में हुए घोटाले की जांच के लिए दर्ज प्राथमिकी (49/10) में अभियुक्तों पर सुनियोजित साजिश के तहत खेल सामग्री की खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था- राज्यपाल के आदेश के आलोक में प्रधान महालेखाकार ने भी नेशनल गेम्स का विशेष ऑडिट किया था. इसमें सरकारी नियमों का उल्लंघन कर बिना टेंडर सामग्री की खरीद, एल-वन घोषित कंपनियों के बदले दूसरी कंपनियों को अधिक दाम पर आपूर्ति आदेश देने सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ी पायी गयी थी- ऑडिट रिपोर्ट में खेल आयोजन के दौरान सरकार को 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने का उल्लेख किया गया था.विशेष संवाददातारांची : राज्य सरकार ने नेशनल गेम्स घोटाले में फंसे भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के अधिकारी पीसी मिश्रा के खिलाफ मुकदमा चलाने का फैसला लिया है. विधि विभाग की ओर से इस मामले में सहमति दिये जाने के बाद केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गयी है.निगरानी ने मांगी थी अभियोजना स्वीकृतिनिगरानी ने पीसी मिश्रा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. इसके बाद सरकार ने इस मामले में विधि विभाग की राय मांगी थी. विधि विभाग ने निगरानी की ओर से जुटाये साक्ष्यों के मद्देनजर अभियोजन स्वीकृति देने पर सहमति प्रदान कर दी़ विधि विभाग ने अपनी राय देते हुए कहा है कि निगरानी की ओर से उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों के आधार पर इस अधिकारी के खिलाफ आइपीसी की धारा 420,120 बी, 467,468, 471, 190, 409 और 406 के तहत प्रथम दृष्टया अभियोजन का मामला बनता है़ इसलिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197(1)(बी) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अभियोजन स्वीकृति दी जाती है. विधि विभाग की सहमति के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार की अनुमति मांगी है. नियमानुसार केंद्र सरकार की अनुमति के बिना अखिल भारतीय सेवा के किसी अधिकारी पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है.

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