ओके…ई पड़ाका काहेला छूटे लगलई हो

अोके…ई पड़ाका काहेला छूटे लगलई होचुनावी चकल्लस हैदरनगर (पलामू). दोपहर का समय है. रेलवे गुमटी चौक की पान दुकान के सामने लोग टोलियों में गप्पें हांक रहे थे. तब-तक पटाखे फूटने की आवाज सुनाई दी. एक ने कहा– अभी तो चुनाव बाकिये हई, ई पड़ाका काहेला छूटे लगलई हो. दूसरे ने कहा– एक दम खतमे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 6:29 PM

अोके…ई पड़ाका काहेला छूटे लगलई होचुनावी चकल्लस हैदरनगर (पलामू). दोपहर का समय है. रेलवे गुमटी चौक की पान दुकान के सामने लोग टोलियों में गप्पें हांक रहे थे. तब-तक पटाखे फूटने की आवाज सुनाई दी. एक ने कहा– अभी तो चुनाव बाकिये हई, ई पड़ाका काहेला छूटे लगलई हो. दूसरे ने कहा– एक दम खतमे हा. अरे बिहार में लालू- नीतीश के महागंठबंधन भारी बहुमत लावत हवा ना इहे खातिर राजद ने लोग पटाखा छोडत हथू. पहले ने कहा– धत्त तेरी की. इतो हम भूलिये गये थे. तब-तक दूसरे ने कहा– छोड़ा सुनावा तोरा इहां पंचायत चुनाव के का हाल हवा. तीसरे ने कहा– कउची कहिवा, न कहे लायक हवा, ना सुनावे लायक. एक ने टपकते हुए कहा– काहे अइसन का बात हवा. तीसरे ने जवाब देते हुए कहा– टोले- टोला मुखिये के खाब देखत हथु. सब डुबा देलथी हो अबकी लागत हवा की हमरा गांव से मुखिया पद दूसरे गांव चल जतवा. अब केकरा समझाउं, सबे अपना के मुखिये बुझे लगलथू. चौथे ने कहा– इ बात हवा. ई तो बडा गड़बड़ बात हवा भाई. मगर का करबा. इजमाना में कउन केकर सुने वाला हवा. जायेदा. पांच साल में आटा दाल के भाव मालुमे हो जतई. तब-तक उनमें से एक ने कहा– खड़ा होवे से का होखेला हो. जनता एगो अच्छा उम्मीदवार के चुनके भोट दे दे. सब काम ठीक हो जतवा. इतने में एक जिला परिषद उम्मीदवार की भोंपू लगी गाड़ी गुजरती है. झूंड टूट जाता है. सब बाजार की ओर निकल जाते हैं.

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