केंद्र से मच्छरदानी की आपूर्ति अब तक नहीं
केंद्र से मच्छरदानी की आपूर्ति अब तक नहीं कुल 18 लाख मच्छरदानी मिलनी है2011 के बाद नहीं बंटी मच्छरदानीवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड को कुल 33 लाख मच्छरदानी की जरूरत है. मलेरिया प्रभावित इलाके में सभी परिवार को ये दिये जाने हैं. इधर वर्ष 2011 के बाद से मच्छरदानी की खरीद नहीं हुई है. राज्य को कुल […]
केंद्र से मच्छरदानी की आपूर्ति अब तक नहीं कुल 18 लाख मच्छरदानी मिलनी है2011 के बाद नहीं बंटी मच्छरदानीवरीय संवाददाता, रांचीझारखंड को कुल 33 लाख मच्छरदानी की जरूरत है. मलेरिया प्रभावित इलाके में सभी परिवार को ये दिये जाने हैं. इधर वर्ष 2011 के बाद से मच्छरदानी की खरीद नहीं हुई है. राज्य को कुल 18 लाख मच्छरदानी केंद्र सरकार से मिलनी है. केंद्र ने इस खरीद के लिए टेंडर तो निकाल दिया, पर अभी टेंडर फाइनल नहीं हुआ है. इससे पहले उत्तरी पूर्वी भारत के लिए विशेष योजना के तहत इंटरनेशनल मार्केटिंग ग्रुप आइसी ग्लोबल से खरीदी मच्छरदानी में से नौ लाख मच्छरदानी झारखंड को मिलने की उम्मीद है. यानी अपनी जरूरत की शेष छह लाख मच्छरदानी राज्य सरकार को खरीदनी होगी. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह केंद्र की दर पर ही मच्छरदानी खरीदेगी. इससे निविदा की लंबी प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा. गौरतलब है कि गत 10 वर्षों (2004-15) के दौरान 15 लाख से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित हुए हैं. यानी हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख लोगों को मलेरिया के मच्छर काट रहे हैं. मच्छरदानी के उपयोग से इसे रोका जा सकता है. राज्य के कुल 17 जिले मलेरिया से प्रभावित हैं. इनमें बोकारो, चतरा, धनबाद, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, पलामू, रांची, सरायकेला, सिमडेगा, प सिंहभूम, पू सिंहभूम व हजारीबाग जिले शामिल हैं. प सिंहभूम का सारंडा इलाका मलेरिया से अति प्रभावित माना जाता है.वर्जन :केंद्र का टेंडर अभी फाइनल नहीं हुआ है. वहां से 18 लाख मच्छरदानी मिलनी है. इससे पहले आइसी ग्लोबल के जरिये नौ लाख मच्छरदानी की आपूर्ति झारखंड को की जायेगी, पर इसका समय नहीं बताया जा सकता. डॉ पुष्पा मारिया बेक, राज्य मलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी