ओके…जीवन के उद्धार के लिए मनुष्यता जरूरी : महामंडलेश्वर

अोके…जीवन के उद्धार के लिए मनुष्यता जरूरी : महामंडलेश्वर फोटो-22 डालपीएच-4कैप्सन-महामंडलेश्वरमेदिनीनगर. श्रीबालाजी आश्रम से पधारे महामंडलेश्वर श्रीभैयादास जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन के उद्धार के लिए मनुष्यता की जरूरत है. इसके बिना मानव जीवन का उद्धार संभव नहीं है. वे साहित्य समाज चौक स्थित तुलसी मानस मंदिर परिसर में आयोजित श्रीराम चरित मानस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2015 6:06 PM

अोके…जीवन के उद्धार के लिए मनुष्यता जरूरी : महामंडलेश्वर फोटो-22 डालपीएच-4कैप्सन-महामंडलेश्वरमेदिनीनगर. श्रीबालाजी आश्रम से पधारे महामंडलेश्वर श्रीभैयादास जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन के उद्धार के लिए मनुष्यता की जरूरत है. इसके बिना मानव जीवन का उद्धार संभव नहीं है. वे साहित्य समाज चौक स्थित तुलसी मानस मंदिर परिसर में आयोजित श्रीराम चरित मानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ के 63 वें अधिवेशन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आज के मनुष्य अपने आप को ज्ञानी समझते हैं. मगर अपने जीवन के उद्देश्य को ही भूल जाते हैं. सुबह से लेकर शाम तक अपने परिवार के लिए व्यस्त रहते हैं. प्रभु भजन के लिए उनके पास समय नहीं रहता. ऐसी स्थिति में उनके अंदर मनुष्यता कैसे आ सकती है. मनुष्य के अंदर जब तक धर्म का कोई लक्षण नहीं होगा, तब तक मनुष्यता नहीं आयेगी. जो प्राणी मनुष्य के रूप में पशु की तरह संसार में विचरण कर रहे हैं. वह सुख कहां से प्राप्त कर सकते हैं. बाल साध्वी राधा देवी ने कन्या भ्रूण हत्या को समाज के लिए अभिशाप बताया. कहा कि जिस घर में कन्या का जन्म होता है, वह बड़े ही भाग्यशाली होते हैं, क्योंकि कन्या का पार्वती का स्वरूप शास्त्रों में बताया गया है. जहां पार्वती रहती हैं, वहां सरस्वती व लक्ष्मी अपने आप पहुंच जाती हैं. इन तीनों के विराजमान होने के बाद ब्रह्मा, विष्णु, महेश ऋद्धि-सिद्धि उस घर में वास करती हैं और उस घर के लोग लोक व परलोक दोनों सुख प्राप्त करते हैं. रोहतास से आये पंडित विनोद पाठक ने संगीतमय प्रवचन के दौरान लोगों को मानस से जुड़े कई संदेश दिये.

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