नक्सली पर से केस उठाने का सरकारी आवेदन खारिज
नक्सली पर से केस उठाने का सरकारी आवेदन खारिजफ्लैग : लातेहार काेर्ट ने नॉट मेंटेनेबल बताते हुए अमान्य घोषित किया लातेहारसरकार ने माओवादी कमांडर दिनेश के खिलाफ केस उठाने का लिया था फैसला – नक्सली कमांडर पर मनिका के कुमांडीह में पुलिस पर गोली चलाने का है आरोप- लोक अभियोजक ने धारा 321 के तहत […]
नक्सली पर से केस उठाने का सरकारी आवेदन खारिजफ्लैग : लातेहार काेर्ट ने नॉट मेंटेनेबल बताते हुए अमान्य घोषित किया लातेहारसरकार ने माओवादी कमांडर दिनेश के खिलाफ केस उठाने का लिया था फैसला – नक्सली कमांडर पर मनिका के कुमांडीह में पुलिस पर गोली चलाने का है आरोप- लोक अभियोजक ने धारा 321 के तहत काेर्ट में दिया था आवेदन- अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में हुई सुनवाईक्या कहते हैं विशेषज्ञ झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेम चंद त्रिपाठी कहते हैं कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 327 का प्रावधान चैप्टर XXIV के तहत प्रावधित है. यह केवल जांच व विचारण के लिए बनाया गया है. आरोपी के खिलाफ अनुसंधान जारी है. इसलिए इसका लाभ उसे देना पूर्णत: गैर कानूनी है. प्रतिनिधि, लातेहारझारखंड सरकार ने माओवादी सब जोनल कमांडर दिनेश यादव उर्फ विशुनदेव यादव उर्फ छोटा विकास उर्फ चश्मा जी के विरुद्ध विभिन्न अदालतों में लंबित वादों को उठाने का फैसला लिया था. इसके लिए लाेक अभियाेजक की आेर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत काेर्ट में आवेदन दिया गया था. 27 नवंबर 2015 को व्यवहार न्यायालय लातेहार के अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी कौशिक मिश्रा की अदालत में सुनवाई हुई. इसमें उक्त कमांडर के विरुद्ध लंबित जीआर केस संख्या 40/13 काे सरकार द्वारा वापस लेने का हवाला दिया गया था. श्री मिश्रा की अदालत ने उक्त आवेदन को खारिज कर दिया. टिप्पणी की है कि राज्य सरकार द्वारा दाखिल यह आवेदन दंड प्रक्रिया संहिता के चैप्टर XXIV में वर्णित नियमावली के तहत मान्य नहीं है. आवेदन को नॉट मेंटेनेबल बताते हुए अमान्य घोषित किया जाता है. बताया जा रहा है उक्त माओवादी कमांडर के विरुद्ध पलामू, चतरा, गढ़वा एवं गुमला जिले की अदालतों में भी मामला लंबित था, जिसे वहां की अदालतों ने वापस करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. मालूम हो कि दिनेश यादव इनामी उग्रवादियों की सूची में शामिल है. काेर्ट से अनुमति लेने का था निर्देश झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, गृह कारा व आपदा प्रबंधन के पत्रांक 10/303/15-6006 दिनांक एक अक्तूबर 2015 के तहत उपायुक्त लातेहार को माओवादी सब जोनल छोटा विकास का लंबित उक्त मुकदमा को वापस लेने की अनुमति अदालत से लेने का निर्देश दिया गया था. उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी लातेहार की गोपनीय शाखा के पत्रांक 654 दिनांक दो अक्तूबर 2015 आैर पुलिस अधीक्षक लातेहार के ज्ञापांक 311 दिनांक 29 सितंबर 2015 द्वारा लोक अभियोजक लातेहार को संबंधित अदालत में केस वापसी हेतु अनुमति का आवेदन देने का आदेश दिया गया था. लोक अभियोजक सुदर्शन मांझी ने सात अक्तूबर 2015 को श्री मिश्रा की अदालत में धारा 321 के तहत आवेदन दिया था, जिस पर कोर्ट ने 27 नवंबर 2015 को आदेश पारित किया है. नक्सली कमांडर पर दर्ज है केसछोटा विकास समेत 38 अभियुक्तों के विरुद्ध कुमांडीह में पुलिस पर गोली चलाने तथा सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में मनिका थाना (कांड संख्या 40/13 भादवि की धारा 147,148,353,307 भादवि, 27 शस्त्र अधिनियम 3/4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व 17 सीएलए अधिनियम के तहत) में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस द्वारा पूरक आरोप पत्र (संख्या 48/15 दिनांक 12 मई 2015) अदालत में समर्पित किया गया था.