बाजारवाद ने किसानों की आत्मनर्भिरता खत्म की : प्रकाश तिवारी

बाजारवाद ने किसानों की आत्मनिर्भरता खत्म की : प्रकाश तिवारीभारतीय किसान संघ का प्रांतीय अधिवेशन (फोटो ट्रैक पर है)वरीय संवाददाता, रांची किसानों ने पारंपरिक विधि से खेती करना छोड़ दिया, वो बाजारवाद के चक्रव्यूह में फंसते चले गये. आज का किसान पूरी तरह से बाजार पर निर्भर हो गया. उद्योगों ने हमारी ग्रामीण व्यवस्था चौपट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2015 7:09 PM

बाजारवाद ने किसानों की आत्मनिर्भरता खत्म की : प्रकाश तिवारीभारतीय किसान संघ का प्रांतीय अधिवेशन (फोटो ट्रैक पर है)वरीय संवाददाता, रांची किसानों ने पारंपरिक विधि से खेती करना छोड़ दिया, वो बाजारवाद के चक्रव्यूह में फंसते चले गये. आज का किसान पूरी तरह से बाजार पर निर्भर हो गया. उद्योगों ने हमारी ग्रामीण व्यवस्था चौपट कर दी. अब एक किसान बीज से लेकर खाद तक के लिए बाजार पर निर्भर हो गया है. इसकी वजह से उसकी आत्मनिर्भरता खत्म कर हो गयी है. यह बातें भारतीय किसान संघ के प्रांतीय अधिवेशन में क्षेत्र संगठन मंत्री प्रकाश नारायण तिवारी ने अपने संबोधन में कही. अधिवेशन के अंतिम दिन श्री तिवारी ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें अपने गांव की व्यवस्था को पुनस्थार्पित करना होगा. हमें अपने बीज से लेकर खाद तक खुद तैयार करना होगा, तभी जाकर हमारे किसानों की स्थिति में सुधार संभव होगा. हमें जैविक खेती की ओर लौटना होगा. हरित क्रांति के नाम पर जो मिट्टी की उर्वरक शक्ति नष्ट हुई है, उसे ठीक करने का बस यही एक उपाय है . आधुनिक खेती के नाम पर वैज्ञानिकों और रासायनिक खेती ने जिस प्रकार कृषि को नष्ट किया है, अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो जायेगी. आज किसानों के सामने बहुत समस्याएं है. जीएम बीज पर उन्होंने कहा कि ये कृषि को खत्म करने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है.

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