191 स्वास्थ्य पदाधिकारियों को शोकॉज

191 स्वास्थ्य पदाधिकारियों को शोकॉज विभिन्न कार्यक्रमों में कम उपलब्धि वजहसंजय, रांचीस्वास्थ्य विभाग ने अपने 191 पदाधिकारियों को कारण बताअो नोटिस (शो-कॉज) जारी किया है. इनमें नियमित तथा अनुबंध कर्मी दोनों शामिल हैं. विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में कम उपलब्धि से स्वास्थ्य सचिव इतने नाराज हुए कि उन्होंने दोषियों को तुरंत शोकॉज देने को कहा. जिन्हें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 6:14 PM

191 स्वास्थ्य पदाधिकारियों को शोकॉज विभिन्न कार्यक्रमों में कम उपलब्धि वजहसंजय, रांचीस्वास्थ्य विभाग ने अपने 191 पदाधिकारियों को कारण बताअो नोटिस (शो-कॉज) जारी किया है. इनमें नियमित तथा अनुबंध कर्मी दोनों शामिल हैं. विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में कम उपलब्धि से स्वास्थ्य सचिव इतने नाराज हुए कि उन्होंने दोषियों को तुरंत शोकॉज देने को कहा. जिन्हें कारण बताअो नोटिस जारी हुई है, उनमें दो सिविल सर्जन सहित अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा प्रभारी (एमअोआइसी), जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम), जिला लेखा प्रबंधक (डीएएम), प्रखंड लेखा प्रबंधक (बीएएम), प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक(बीपीएम) व प्रभारी लिपिक शामिल हैं. धनबाद के डीपीएम का तो वेतन रोकने का आदेश दिया गया है. वहीं गिरीडीह जिले के तीसरी, रांची के कांके व अनगड़ा तथा सरायकेला के घाटशिला स्वास्थ्य केंद्र के एमअोआइसी को सचिव ने हटाने को कहा है. दरअसल आइपीएच सभागार में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जिलावार समीक्षा हुई है. दो दिनी (12-12 जिलों) समीक्षा के दौरान मिली कम उपलब्धि की जानकारी के बाद विभागीय सचिव के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है. दो सिविल सर्जनों पर तो सचिव खासे नाराज थे. इन्हें भी जवाब देने को कहा गया है. इनमें गिरिडीह के सिविल सर्जन डॉ सिद्धार्थ सान्याल तथा सरायकेला के सिविल सर्जन डॉ हिमांशु भूषण बरवार शामिल हैं. इन दोनों के जिलों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की स्थिति बदतर है. इन कार्यक्रमों में कम उपलब्धिसचिव की अध्यक्षता में बाल स्वास्थ्य, मातृ स्वास्थ्य, जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय किशोरी योजना, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम तथा सहिया को मानदेय भुगतान की समीक्षा हुई थी. सहिया को मानदेय भुगतान तो कई जिलों व प्रखंडों मे मात्र 10-15 फीसदी था.कम खर्च हुआ है : चालू वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम, परिवार नियोजन तथा आयरन की गोली की खरीद सहित अन्य मद का खर्च संतोषजनक नहीं है. कुपोषित महिलाअों व किशोरियों को दी जाने वाली आयरन की गोली पर तो सिर्फ दो फीसदी रकम खर्च की गयी है. यहां कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के कुल बजट व खर्च का ब्योरा दिया जा रहा है.प्रमुख कार्यक्रमों का बजट-खर्च (सितंबर तक करोड़ में)स्वास्थ्य कार्यक्रम ® कुल बजट ® खर्च ® फीसदीमातृ स्वास्थ्य ® 165.91 ® 46.73 ® 28.0जननी सुरक्षा योजना ® 94.71 ® 28.76 ® 30.5बाल स्वास्थ्य ® 19.04 ® 3.09 ® 16.0जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम ® 6.48 ® 0.48 ® 8.00परिवार नियोजन ® 42.14 ® 6.81 ® 17.0राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम ® 4.88 ® 0.63 ® 12.6मानव संसाधन ® 151.24 ® 45.32 ® 30.0सहिया को मानदेय ® 39.00 ® 8.00 ® 20.5अनटाइड फंड ® 40.50 ® 10.55 ® 27.0आयुष की मेन स्ट्रीमिंग ® 2.69 ® 0.52 ® 20.0प्रचार-प्रसार 5.05 1.52 30.4मॉनिटरिंग व मूल्यांकन 7.47 0.49 6.6गुणवत्ता सुधार 0.30 0.12दवा खरीद व अापूर्ति 30.00 2.13 7.0अायरन गोली व अन्य खरीद 16.40 0.32 2.0टीकाकरण 40.47 9.85 24.6

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