इस जीत से रियो ओलिंपिक के लिए मनोबल बढ़ेगा : एसवी सुनील
इस जीत से रियो ओलिंपिक के लिए मनोबल बढ़ेगा : एसवी सुनील एजेंसियां, नयी दिल्लीनीदरलैंड को पेनाल्टी शूटआउट में हरा कर हॉकी विश्व लीग फाइनल में कांस्य पदक जीतनेवाली भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी स्ट्राइकर एसवी सुनील का मानना है कि इस जीत से रियो ओलिंपिक के लिए टीम का हौसला बढ़ेगा. हालांकि उन्होंने यह […]
इस जीत से रियो ओलिंपिक के लिए मनोबल बढ़ेगा : एसवी सुनील एजेंसियां, नयी दिल्लीनीदरलैंड को पेनाल्टी शूटआउट में हरा कर हॉकी विश्व लीग फाइनल में कांस्य पदक जीतनेवाली भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी स्ट्राइकर एसवी सुनील का मानना है कि इस जीत से रियो ओलिंपिक के लिए टीम का हौसला बढ़ेगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी फॉरवर्ड पंक्ति को प्रदर्शन में और सुधार करना होगा. भारत ने रविवार को किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक नहीं जीत पाने का 33 साल पुराना मलाल दूर करते हुए नीदरलैंड को पेनाल्टी शूटआउट में हरा कर हॉकी विश्व लीग में कांस्य पदक हासिल किया. सुनील ने कहा : इस जीत से रियो ओलिंपिक के लिए हमारा हौसला बढ़ेगा, क्योंकि नीदरलैंड को हराना बहुत बड़ी बात है. इससे हमें आत्मविश्वास मिला है कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं, लेकिन अभी ओलिंपिक में काफी समय है और कोई कयास लगाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा : कोच (रोलेंट ओल्टमेंस) ने हमें यही सिखाया है कि पदक के बारे में सोच कर खेलेंगे, तो कुछ हासिल नहीं होगा. हमने मैच दर मैच रणनीति बनायी और उन्होंने यही कहा था कि हर खिलाड़ी अपनी ओर से पूरा योगदान देगा, तो नतीजा खुद मिलेगा. हमने कोच की रणनीति पर मैदान में अमल करने की कोशिश की. सुनील ने कहा : पूल चरण में हमारा प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं था, लेकिन हमें पता था कि क्वार्टर फाइनल हर हालत में जीतना है. हमने ब्रिटेन को हराया, जिससे लय हासिल की और फिर नीदरलैंड जैसी बड़ी टीम को मात दी. नीदरलैंड के खिलाफ दो गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने वापसी की और इसका श्रेय सुनील ने कोच ओल्टमेंस को दिया. उन्होंने कहा : हाफटाइम तक हम दो गोल से पीछे थे और उस समय कोच ने खिलाड़ियों में जोश भरा. हमें अहसास दिलाया कि हमारे पास खोने को कुछ नहीं है और प्रयास करें, तो जीत सकते हैं. हमने वही किया और नतीजा सभी के सामने है. मैं इस जीत का 100 फीसदी श्रेय कोच को देना चाहूंगा. सुनील ने हालांकि स्वीकार किया कि फॉरवर्ड पंक्ति को अपने प्रदर्शन में काफी सुधार करना होगा, जो पूल चरण में ‘फिनिशिंग’ नहीं दे पायी थी. उन्होंने कहा : शुरुआती मैचों में फॉरवर्ड पंक्ति में तालमेल कम दिखा, जो हमें ठीक करना होगा. हमें बेसिक्स मसलन पेनाल्टी कॉर्नर बनाना, बॉल स्टॉपिंग, मौके भुनाना, सर्कल के भीतर बेहतर तालमेल पर काम करना होगा. अभी हमारे पास काफी समय है और उम्मीद है कि रियो ओलिंपिक तक हम और बेहतर प्रदर्शन करेंगे. कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने यह भी कहा कि आम तौर पर दबाव के आगे घुटने टेकनेवाला भारतीय डिफेंस काफी मजबूत हुआ है, जो अच्छा संकेत है. उन्होंने कहा : पिछले कुछ अर्से में डिफेंस के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है, जो बहुत अच्छी बात है. हमने इस टूर्नामेंट में ज्यादा पेनाल्टी कॉर्नर नहीं दिये और हाफलाइन का संयोजन भी अच्छा था.