जवाब दाखिल करने का दिया अंतिम मौका फ्लैग. राज्य में अवैध रूप से चल रहे स्टोन क्रशर पर एनजीटी सख्तअगली सुनवाई 15 जनवरी काेअंजनी कुमार सिंह, नयी दिल्लीझारखंड में अवैध रूप से पत्थर तोड़े जाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रतिवादियों की ओर से उपस्थित वकीलों को फटकार लगाते हुए कहा कि जवाब दाखिल करने को उनको अंतिम मौका दिया जा रहा है. कोर्ट ने इस पर भी आपत्ति जतायी कि कई तारीखें बीतने के बाद भी अब तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है. राज्य सरकार सहित कई अन्य रिस्पांडेंट हैं, जिन्होंने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है. राज्य में अवैध रूप से चल रहे स्टोन क्रशर को लेकर एनजीटी में याचिका दाखिल की गयी है. इसकी सुनवाई एनजीटी के प्रिंसिपल बेंच में न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार कर रहे हैं. तीन प्रतिवादियों ने ही दिया है जवाब अवैध रूप से चल रहे स्टोन क्रशर मामले में अब तक तीन प्रतिवादियों की ओर से ही जवाब दाखिल किया गया है. इनमें झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड और चीफ वाइल्ड लाइफ कंजरवेटर शामिल हैं. वहीं डीसी कोडरमा, जिला खनन पदाधिकारी हजारीबाग आैर धनलक्ष्मी स्टोन चिप्स की ओर से कोर्ट के सामने अब तक कोई उपस्थित नहीं हुआ है.टाल-मटाेल नहीं चलेगा मंगलवार को जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, प्रतिवादियों की ओर से उनके वकीलों ने जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय की मांग की. इस पर कोर्ट ने पूछा कि जब तीन रिस्पांडेंट ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है, तो आपलोग इसमें इतना विलंब क्यों कर रहे हैं. ऐसा लगता है जैसे आपलोग इसे टाल रहे हैं. अब यह नहीं चलेगा. उसके बाद कोर्ट ने जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 15 जनवरी निर्धारित कर दी. प्रभात खबर ने चलाया था अभियानगौरतलब है कि अवैध रूप से चलाये जा रहे स्टोन क्रशर को लेकर प्रभात खबर ने एक अभियान चलाया था. राज्य में अवैध रूप से चलनेवाले स्टोन क्रशरों का सालाना कारोबार करोड़ों रुपये का बताया गया था. याचिकाकर्ता व अधिवक्ता सत्य प्रकाश ने इस मामले को लेकर एनजीटी में मामला दायर किया है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई. 15 जनवरी से पहले जवाब दाखिल करना ही होगाप्रभात खबर से बातचीत में सत्य प्रकाश ने कहा कि कोर्ट के सख्त रुख के बाद अब राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करना ही होगा. चूंकि कोर्ट की अगली सुनवाई 15 जनवरी निर्धारित है, इसलिए कम-से-कम सात दिन पहले बाकी रिस्पांडेंट को अपना जवाब दाखिल करना होगा, ताकि वह काउंटर फाइल दाखिल कर सकें. चूंकि कोर्ट ने साफ तौर पर ‘लास्ट आॅपरट्यूनिटी एंड लास्ट चांस’ दिया है, इसलिए जवाब दाखिल न करने की स्थिति में न्यायालय इस मामले में अपना फैसला भी सुना सकती है.
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जवाब दाखिल करने का दिया अंतिम मौका फ्लैग. राज्य में अवैध रूप से चल रहे स्टोन क्रशर पर एनजीटी सख्तअगली सुनवाई 15 जनवरी काेअंजनी कुमार सिंह, नयी दिल्लीझारखंड में अवैध रूप से पत्थर तोड़े जाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रतिवादियों की ओर से उपस्थित वकीलों को फटकार लगाते हुए कहा कि जवाब […]

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