अॉप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ी 107 पंचायतें
अॉप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ी 107 पंचायतेंसभी पंचायतें जुड़ेंगी, बढ़ेगी कनेक्टिविटी व स्पीड राज्य की सभी 4423 पंचायतों को अॉप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाना प्रज्ञा केंद्रों के लिए वरदान है यह योजनासंजय, रांचीभारत सरकार की योजना नेशनल अॉप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनअोएफएन) के तहत राज्य की सभी 4423 पंचायतों को अॉप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाना है. […]
अॉप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ी 107 पंचायतेंसभी पंचायतें जुड़ेंगी, बढ़ेगी कनेक्टिविटी व स्पीड राज्य की सभी 4423 पंचायतों को अॉप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाना प्रज्ञा केंद्रों के लिए वरदान है यह योजनासंजय, रांचीभारत सरकार की योजना नेशनल अॉप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनअोएफएन) के तहत राज्य की सभी 4423 पंचायतों को अॉप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाना है. सात जिलों रांची, रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, देवघर व साहेबगंज में यह योजना पायलट बेसिस पर शुरू की गयी है. आइटी सचिव सुनील वर्णवाल के अनुसार, इन जिलों की कुल 1400 पंचायतों में से अब तक 107 पंचायतों को अॉप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ दिया गया है. वहीं रामगढ़ व बोकारो की 350 पंचायतों में यह काम पूरा होने वाला है. केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में इस योजना को लागू करने के लिए स्पेशल परपस ह्वेकिल के रूप में भारत ब्रॉडबैंड निगम लि. (बीबीएनएल) का गठन किया है. झारखंड में बीबीएनएल पावर ग्रीड कॉरपोरेशन अॉफ इंडिया लि. (पीजीसीआइएल) के माध्यम से नेटवर्क तैयार कर रहा है. अॉप्टिकल फाइबर के जरिये बेहतर स्पीड व बैंडविद कनेक्शन पंचायत भवनों में कम से कम 100 वर्गफीट जगह पर दिये जाने हैं. इसके लिए बीबीएनएल पंचायतों को प्रति माह दो रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से किराये का भुगतान करेगी. उपायुक्तों पर निर्भर सफलता कई अन्य योजनाअों की तरह इस योजना की सफलता भी संबंधित जिलों के उपायुक्तों पर निर्भर है. सूचना तकनीक व ई-गवर्नेंस विभाग ने उपायुक्तों को ही यह जिम्मेवारी दी है कि नेटवर्क के लिए पंचायत भवन न होने या जगह की समस्या होने पर वे पंचायत के ही किसी विद्यालय, सामुदायिक भवन या आंगनबाड़ी केंद्र में फाइबर अॉप्टिकल नेटवर्क के लिए कम से कम 50 वर्गफीट जगह उपलब्ध करायें. उपायुक्तों के आदेश पर ही संबंधित भवन में बिजली कनेक्शन दिया जाना है. इसके लिए एनअोसी व अन्य प्रक्रिया पूरी करने के लिए उपायुक्तों को ही नोडल पदाधिकारी नामित करना है. विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी संबंधित जिले के उपायुक्त की होगी. उन्हें इस परियोजना की समीक्षा भी समय-समय पर करनी है. क्या होगा लाभ दरअसल सभी प्रज्ञा केंद्रों को पंचायत भवनों में ही शिफ्ट किया जाना है. अब तक करीब 900 केंद्र शिफ्ट हो चुके हैं. इधर करीब 2900 प्रज्ञा केंद्रों में पुअर (खराब) या जीरो कनेक्टिविटी की समस्या है. इस कारण सूचना तकनीक के जरिये आम लोगों के आय, जाति, जन्म व मृत्यु जैसे विभिन्न प्रमाण पत्र नहीं बन पाते या इनमें काफी समय लगता है. फाइबर अॉप्टिकल नेटवर्क से कनेक्टिविटी व बैंडविद की समस्या खत्म हो जायेगी. अभी ब्रॉड बैंड इंटरनेट के माध्यम से भी जहां 70-80 किलोबाइट (केबी) प्रति सेकेंड की स्पीड मिलती है. वहीं अॉप्टिकल फाइबर से करीब 100 मेगाबाइट (एमबी) प्रति सेकेंड की स्पीड मिलेगी. इससे ई-गवर्नेंस, मोबाइल गवर्नेंस, टेलीमेडिसिन, टेली एजुकेशन, कृषि व पर्यटन जैसे क्षेत्रों से जुड़ी सूचनाएं व सुविधाएं तेज गति से अाम लोगों के लिए उपलब्ध होंगी. बिजली कहां से मिलेगीऊर्जा विभाग की ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत राज्य के सभी गांवों में बिजली पहुंचानी है, पर अभी बहुत काम बाकी है. फिलहाल इसके लिए जेरेडा के सोलर पैनल की सहायता ली जा सकती है. जेरेडा निदेशक ने एक विभागीय बैठक में बताया है कि राज्य की 2997 पंचायतों में एक किलोवाट का सोलर पैनल लगा दिया गया है. वहीं सभी 261 प्रखंड मुख्यालयों में दो किलोवाट का पैनल लगाया गया है. इनका इस्तेमाल फाइबर अॉप्टिकल केबल नेटवर्क कनेक्शन तथा प्रज्ञा केंद्रों में किया जा सकेगा. इधर पंचायत भवनों तथा वहां लगे सोलर पैनलों की सही स्थिति जानने के लिए एक टीम बनायी जानी है. इसमें जेरेडा, बीबीएनएल, आइटी तथा पंचायती राज विभागों के प्रतिनिधि होंगे.