नावा बाजार. कंडा में एनएच-98 किनारे स्थित उच्च विद्यालय के भवन निर्माण पिछले 14 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. 18 जनवरी 2010 को तत्कालीन मंत्री सह विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर दुबे ने इस भवन का निर्माण कार्य शुरू कराया था. करीब 68 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इस भवन का निर्माण आज तक पूरा नहीं किया गया. प्लास्टर ही पूरा कर आधे अधूरे खिड़की दरवाजा लगाया गया है. इतने लंबे अंतराल के बाद भवन जर्जर हो गया है. इस भवन में मवेशियों का अड्डा बना रहता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि भवन के निर्माण कार्य भी घटिया तरीके से किया गया है. शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से यह उच्च विद्यालय भवन निर्माण कराया गया था, ताकि इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में कोई परेशानी न हो. लेकिन लोगों की परेशानी दूर नहीं हुई. इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च पढ़ाई करने के लिए बाहर जाना होता है. इसे लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. उनका कहना है कि सरकारी राशि का दुरुपयोग हो गया है. लाखों रुपये की लागत से बनने वाले भवन का लाभ यहां के विद्यार्थियों को नहीं मिला. पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से इस अधूरे विद्यालय भवन को पूरा करने की मांग की है. कहा है कि विद्यालय बन जाने से यहां के विद्यार्थियों को पढ़ाई करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. मुखिया नरेंद्र सिंह ने कहा कि यह विडंबना ही है कि इस क्षेत्र के इकलौते उच्च विद्यालय के भवन का निर्माण 14 साल के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है