लाखों की दवा हुई बेकार
दो साल से बंद है युवा मैत्री केंद्र – दिनेश पांडेय – नगरऊंटारी : स्वास्थ्य विभाग चाहे जो निर्देश देते रहे, लेकिन इसका असर झारखंड के पश्चिमी छोर पर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारियों पर शायद ही पड़ता हो. अनुमंडलीय अस्पताल में युवा मैत्री केंद्र दो साल से बंद पड़ा है. एड्स जांच […]
दो साल से बंद है युवा मैत्री केंद्र
– दिनेश पांडेय –
नगरऊंटारी : स्वास्थ्य विभाग चाहे जो निर्देश देते रहे, लेकिन इसका असर झारखंड के पश्चिमी छोर पर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारियों पर शायद ही पड़ता हो. अनुमंडलीय अस्पताल में युवा मैत्री केंद्र दो साल से बंद पड़ा है.
एड्स जांच का कार्य भी दो वर्ष से बंद है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस मद में भेजे गये 16,126 रुपये अनुमंडलीय अस्पताल के खाते में पड़ा हुआ है. अर्स का प्रशिक्षण अस्पताल के सभी चिकित्सक व कर्मियों को दिया गया है. हर तीन माह के अंतराल में राज्यस्तरीय टीम अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच कर इसे कार्यक्रम को विधिवत चालू रखने का प्रयास करता है, लेकिन नतीजा सिफर साबित होता है. इस कार्यक्रम के लिए लाखों की दवाइयां, एड्स जांच कीट व केमिकल भेजी गयी थी. उपयोग नहीं होने के चलते सब एक्सपायर्ड हो गया.
इस कार्यक्रम में दस वर्ष के ऊपर के किशोर-किशोरियों को सलाह देना था, लेकिन सब कागज तक सिमट कर रह गया. जुलाई 2012 के पहले यह कार्यक्रम पटरी पर था, लेकिन लैब तक्नीशियन टीना लकड़ा के इस्तीफा व कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डॉ. दिनेश कुमार के धुरकी स्वास्थ्य केंद्र में तबादला हो जाने के बाद यह कार्यक्रम बिल्कुल बंद कर दिया गया तथा विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी दवा, कीट, केमिकल चिकित्सक के रेस्ट रूम में रख दिया गया. इस संबंध में पूछने पर प्रभारी उपाधीक्षक डॉ अजीत सिंह ने कहा कि हमारे समय में न दवा आयी है न ही फंड आया है. तीन ही चिकित्सक हैं, जिसमें एक हमेशा प्रशिक्षण लेने में रहते हैं.