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आदिम जनजाति का अनशन जारी
मेदिनीनगर : आदिम जनजाति के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए सरकार प्रयासरत है, लेकिन पलामू में पिछले तीन दिनों से ससमय अनाज उपलब्ध कराने सहित 21 सूत्री मांग को लेकर आदिम जनजाति समुदाय के चार लोग अनशन पर हैं और उनके समर्थन में सैकड़ों आदिम जनजाति वर्ग के महिला-पुरुष व बच्चे इसमें शामिल हो रहे […]
मेदिनीनगर : आदिम जनजाति के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए सरकार प्रयासरत है, लेकिन पलामू में पिछले तीन दिनों से ससमय अनाज उपलब्ध कराने सहित 21 सूत्री मांग को लेकर आदिम जनजाति समुदाय के चार लोग अनशन पर हैं और उनके समर्थन में सैकड़ों आदिम जनजाति वर्ग के महिला-पुरुष व बच्चे इसमें शामिल हो रहे हैं.
दिन-रात वे लोग इस कड़ाके की ठंड में कचहरी परिसर में ही गुजार रहे हैं. इसके कारण दो आदिम जनजाति वर्ग के लोग ठंड की चपेट में भी आ गये हैं. आज अनशन स्थल पर चिकित्सकों ने पहुंच कर उनकी जांच की, सलाह दी कि सदर अस्पताल में भरती हो, लेकिन वे लोग इसके लिए राजी नहीं हुए. कहा कि इलाज यहीं होगा, वे लोग अनशन स्थल छोड़ कर अस्पताल नहीं जायेंगे. इस बीच अनशन पर बैठे आदिम जनजाति वर्ग के लोगों से वार्ता करने जिला परिषद उपाध्यक्ष संजय सिंह भी अनशन स्थल पर पहुंचे.
उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति वर्ग के लोगों की जो भी मांग है, उसपर प्रशासन से बात की जायेगी, उनका प्रयास होगा कि जल्द ही समस्या का निष्पादन हो, इसके लिए उन्हें थोड़ा सा वक्त दिया जाये, मगर आदिम जनजाति वर्ग के लोगों ने कहा कि वे लोग आश्वासन सुन कर थक चुके हैं, कोई निदान नहीं हो रहा है. इसलिए इस बार वे लोग कोई ठोस निर्णय होने के बाद ही अपना आंदोलन समाप्त करेंगे. इस कारण वार्ता सफल नहीं हुई. इधर प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी मेघनाथ उरांव व आपूर्ति पदाधिकारी रजनीकांत पांडेय ने भी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है.
अनशन पर बैठे लोगों का कहना है कि उनलोगों को पूर्व की तरह प्रखंड कार्यालय में ही अनाज मिले, डीलर द्वारा उनलोगों को अनाज नहीं दिया जा रहा है. साथ ही गलत तरीके से उनलोगों के नाम राशन कार्ड सूची से हटा भी दिया गया है. उनलोगों का आरोप है कि आठ माह से उनलोगों को अनाज नहीं मिल रहा है. मालूम हो कि आदिम जनजाति वर्ग के जोधा कोरवा, मुनेश्वरी देवी, गोपाल कोरवा, भुलन परहिया अनशन पर हैं. बुधवार को अनशन का तीसरा दिन था.
अनशनकारियों के समर्थन में भारतीय आदिम जनजाति परिषद के केंद्रीय सचिव तेज कुमार कोरवा एवं भारतीय जनमुक्ति परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष उमाशंकर बैगा व्यास ने कहा कि प्रशासन द्वारा केवल कोरा आश्वासन दिया जाता है. अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए जो योजना सरकार द्वारा चलायी गयी है, उसके क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो रहा है. बिचौलिया के गठजोड़ से काम हो रहा है.
गरीबों के दर्द से सरकार व प्रशासन कोई लेना-देना नहीं है. मौके पर सुषमा मुरमा, ज्योति सोरेन, संजय परहिया, मंजु देवी, महेश्वरी देवी, मालती देवी, विजय परहिया, लवकुश असूर, जॉर्ज कोरवा आदि मौजूद थे.
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