भवन तो बने पर उपयोग नहीं

उपयोग नहीं होने से एक करोड़ की लागत से बने कई भवन बेकार साबित हो रहे हैं नौडीहा (पलामू) : पलामू के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र नौडीहा में लगभग एक करोड़ की लागत से बने सरकारी भवन बेकार पड़े हैं. इनके निर्माण के चार-पांच साल हो गये, लेकिन कोई उपयोग नहीं हो रहा है़ उग्रवाद प्रभावित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2016 8:37 AM
उपयोग नहीं होने से एक करोड़ की लागत से बने कई भवन बेकार साबित हो रहे हैं
नौडीहा (पलामू) : पलामू के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र नौडीहा में लगभग एक करोड़ की लागत से बने सरकारी भवन बेकार पड़े हैं. इनके निर्माण के चार-पांच साल हो गये, लेकिन कोई उपयोग नहीं हो रहा है़
उग्रवाद प्रभावित इलाकों में विकास की गति तेज हो, उपेक्षित इलाकों में भी आधारभूत संरचना तैयार हो, यह शासन-प्रशासन की प्राथमिकता में है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब बड़ी राशि खर्च कर भवन बन रहे हैं और उसका उपयोग ही नहीं हो रहा है, तो ऐसे में आखिर कैसे इलाके में विकास की गति तेज होगी. नौडीहा वैसे इलाकों में है, जिसे अपेक्षित विकास के लिए प्रखंड का दर्जा मिला है. प्रखंड का दर्जा मिलने के बाद प्रखंड स्तरीय भवन निर्माण कार्य को स्वीकृति मिली, कार्य भी हुए, लेकिन भवन बनने के बाद वह यूं ही बेकार पड़े हैं. सवाल यह है कि आखिर इसके लिए जिम्मेवार कौन है?

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