प्रयास करता, तो मिल जाती सरकारी नौकरी

हुसैनाबाद : हुसैनाबाद के देवरी गांव के रहनेवाले ललन राम अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं. उनकी मानें तो वह प्रयास करते, तो सरकारी नौकरी मिल जाती, लेकिन कभी प्रयास नहीं किया, ऐसा क्यों, इस सवाल पर ललन राम का कहना है कि यदि आप सरकारी नौकरी में जाते हैं तो एक बंधी-बंधायी रकम मिलती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2016 1:03 AM
हुसैनाबाद : हुसैनाबाद के देवरी गांव के रहनेवाले ललन राम अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं. उनकी मानें तो वह प्रयास करते, तो सरकारी नौकरी मिल जाती, लेकिन कभी प्रयास नहीं किया, ऐसा क्यों, इस सवाल पर ललन राम का कहना है कि यदि आप सरकारी नौकरी में जाते हैं तो एक बंधी-बंधायी रकम मिलती है.
अगर आप ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, तो स्वाभिमान के साथ रहना मुश्किल होगा. लोग सवाल भी उठा सकते हैं, लेकिन मेहनत के बल पर यदि निजी स्तर पर कुछ करें, तो लोग नाम लेते हैं. ललन राम ने सरकारी नौकरी के बजाये स्नातक पास करते ही भारतीय जीवन बीमा निगम से जुड़ गये, उसके बाद नौकरी के लिए प्रयास भी नहीं किया.
इसी कार्य में आगे बढ़ते गये. ललन का कहना है कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. स्थिति विपरीत थी, इसलिए उसने तय किया था कि मेहनत के बल पर बेहतर करेंगे, आज की तिथि में ललन के पास चार पहिया वाहन है, दो बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला रहे हैं, उनका कहना है कि युवा को निराश नहीं बैठना चाहिए, एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने के लिए काम करना चाहिए. केवल सरकारी नौकरी से ही भाग्य बदलेगा, ऐसा कुछ भी नहीं है.

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