चयन में अनियमितता का आरोप

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों की सूची जारी मेदिनीनगर : यह दो मामले यह बताने के लिए काफी है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभुक चयन की जो प्रक्रिया अपनायी गयी, उसमें अनियमतिता बरती गयी है. मेदिनीनगर नगर पर्षद क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रथम चरण में 318 आवास का निर्माण होना है. आवास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2016 7:28 AM
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों की सूची जारी
मेदिनीनगर : यह दो मामले यह बताने के लिए काफी है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभुक चयन की जो प्रक्रिया अपनायी गयी, उसमें अनियमतिता बरती गयी है. मेदिनीनगर नगर पर्षद क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रथम चरण में 318 आवास का निर्माण होना है.
आवास के लिए जो आवेदन प्राप्त हुए थे, उसी में से नगर पर्षद द्वारा 318 लाभुकों का चयन कर सूची नगर विकास विभाग को भेजी गयी थी, जो स्वीकृत होकर आ गयी है. इसके बाद से लाभुकों के चयन पर सवाल उठने लगे हैं. लोगों का आरोप है कि लाभुकों के चयन में अनियमितता बरती गयी है. अधिक आय वालों को भी सूची में शामिल किया गया है.
केस स्टडी-1
अमित रंजन दास, शहर के हमीदगंज स्थित रिफ्यूजी कॉलोनी के रहने वाले हैं. कुछ माह पहले उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए आवेदन दिया था. उनके घर की वार्षिक आय लगभग 60 हजार है. इसका शपथ पत्र भी आवेदन के साथ दिया था. लेकिन अब उन्हें यह जानकारी मिल रही है कि लाभुकों की जो सूची तैयार की गयी है, उसमें उनका नाम नहीं है. इस बात का मलाल अमित और उनकी पत्नी गीता को है.
केस स्टडी-2
सभी वार्ड से आवेदन मंगाये गये थे. हुआ यह कि किसी वार्ड से अधिक लाभुकों का चयन किया गया, तो किसी वार्ड से एक या दो लाभुकों का नाम सूची में है. 25 नंबर वार्ड में 30 लाभुकों का आवास के लिए चयन हुआ, जबकि वार्ड नंबर 12 से मात्र एक ही लाभुक का चयन हुआ. इससे लोगों को रोष है.
क्या है प्रावधान
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी इलाके में रहने वाले गरीबों को आवास मुहैया कराना है. एक आवास के निर्माण पर 3.74 लाख रुपये खर्च करने है. इसमें 2.25 लाख रुपये सब्सिडी है. इस सब्सिडी की राशि में डेढ़ लाख केंद्र सरकार, 75 हजार रुपये राज्य सरकार व 12 हजार रुपये स्वच्छता मिशन देगा. शेष राशि लाभुकों को देना है.
हुई है व्यापक गड़बड़ी आज से अनशन : वार्ड पार्षद
वार्ड पार्षद कविता देवी का कहना है कि यदि 318 आवास बनना था, तो लाभुकों के चयन के पूर्व वार्डवार आवासों की संख्या का आवंटन किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इससे यह पता चलता है कि इस मामले में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ हुई. साथ ही जो आवेदन प्राप्त हुए, उसका भौतिक सत्यापन किये बिना लाभुकों का चयन कर लिया गया. यही कारण है कि जरूरतमंद वंचित रह गये. इसकी जांच होनी चाहिए. इस सवाल को लेकर वह बुधवार से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठेंगी.

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