1200 आबादी के समक्ष पेयजल संकट

पांच फरवरी को होना था जलापूर्ति का उदघाटन, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण नहीं हो सका. सांसद के प्रयास के बावजूद दो माह बाद भी नहीं शुरू हुई जलापूर्ति. मेदिनीनगर : सदर प्रखंड के निमिया गांव में गंभीर पेयजल संकट है. इस इलाके को विभाग ने ड्राइजोन के रूप में चिह्नित किया है. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 7:52 AM
पांच फरवरी को होना था जलापूर्ति का उदघाटन, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण नहीं हो सका. सांसद के प्रयास के बावजूद दो माह बाद भी नहीं शुरू हुई जलापूर्ति.
मेदिनीनगर : सदर प्रखंड के निमिया गांव में गंभीर पेयजल संकट है. इस इलाके को विभाग ने ड्राइजोन के रूप में चिह्नित किया है. इस इलाके के लोगों को पानी मिले, इसके लिए जलापूर्ति योजना स्वीकृत हुई थी. तय था कि इस बार गरमी के पहले से इलाके में जलापूर्ति शुरू हो जायेगी. जो योजना बनी थी, उसके उदघाटन की भी तिथि तय हो गयी थी. पांच फरवरी को योजना का उदघाटन होना था, शिलापट्ट भी लगा था, लेकिन योजना आधी-अधूरी थी.
इसलिए ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और चार फरवरी को ही एलान किया था कि योजना का उदघाटन नहीं होने देंगे, जिसके बाद सांसद विष्णुदयाल राम ने पेयजल व स्वच्छता विभाग को निर्देश दिया था कि योजना को पूर्ण करायें, उसके बाद उदघाटन. लगभग दो माह बीतने को है, लेकिन योजना को अभी तक पूर्ण नहीं किया गया. गांव के लोग पानी संकट झेल रहे हैं. निमिया गांव की आबादी लगभग 1200 है. जलस्तर नीचे चले जाने के कारण इस इलाके में पिछले कई वर्षों से जल संकट है.
जल संकट के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इस परेशानी से लोगों को निजात मिले, इसके लिए जिला योजना आनाबद्ध निधि से योजना तैयार की गयी थी, जिसके तहत तीन जगहों पर डीप बोर कर तीन टावर का निर्माण कराना था और पाइप लाइन बिछाया जाना था. लेकिन कुछ इलाकों में पाइप नहीं बिछाया गया, इस योजना पर 34 लाख रुपये खर्च हुए हैं.
यदि योजना पूर्ण हो जाती, तो इस इलाके के लोगों को पानी मिलता. लेकिन पूरा मामला लटका हुआ है. पानी संकट के कारण इस इलाके के लोग सुदना के औद्योगिक क्षेत्र में आकर चापानल से पानी ले जाते हैं.
ग्रामीण हीरानंद मेहता का कहना है कि फरवरी के बाद गांव में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का कोई अधिकारी भी नहीं आया है. योजना पूर्ण हो, इसके लिए कोई प्रयास भी नहीं किया गया है. उनलोगों को उम्मीद थी कि इस बार जलापूर्ति का लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. ग्रामीणों का कहना है कि वे लोग इस मामले को लेकर उपायुक्त से मिलेंगे.

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