बिहार से ज्यादा जरूरी है झारखंड में शराबबंदी
बिहार से ज्यादा जरूरी है झारखंड में शराबबंदीराजनीति दलों की एक राय इंट्रो : बिहार में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी गयी है़ गुजरात, नगालैंड और मिजोरम के बाद बिहार चौथा ड्राइ स्टेट बन गया है़ शराब से सामाजिक, आर्थिक व लोगों के स्वास्थ्य के बुरे प्रभाव की त्रासदी को देखते हुए शराब पर […]
बिहार से ज्यादा जरूरी है झारखंड में शराबबंदीराजनीति दलों की एक राय इंट्रो : बिहार में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी गयी है़ गुजरात, नगालैंड और मिजोरम के बाद बिहार चौथा ड्राइ स्टेट बन गया है़ शराब से सामाजिक, आर्थिक व लोगों के स्वास्थ्य के बुरे प्रभाव की त्रासदी को देखते हुए शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है़ बिहार में शराब के उत्पादन, बिक्री व पीने-पिलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है़ झारखंड में भी राजनीतिक दल एक स्वर में शराबबंदी की मांग कर रहे है़ं राजनीतिक दलों का मानना है कि शराब का कुप्रभाव झारखंड में बिहार से भी ज्यादा है़ शराब ने लोगों की जिंदगी तबाह कर दी है़ झारखंड में भी पूर्ण रूप से शराब पर रोक लगनी चाहिए़ पढ़िए राजनीतिक दलों की राय. रघुवर दास फैसला लें, स्वागत करेंगे : झाविमोरांची : पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साहस दिखाया है़ ऐतिहासिक फैसला लिया है़ झारखंड में रघुवर दास की सरकार भी फैसला ले, हम स्वागत करेंगे़ सरकार को इच्छाशक्ति दिखानी होगी़ श्री मरांडी ने कहा कि हमारी राय से कुछ नहीं होता है, फैसला सरकार को लेना है़ शराबबंदी से राज्य का भला होगा़ नीतीश का सराहनीय कदम, झारखंड भी पहल करे : कांग्रेसकांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सराहनीय कदम उठाया. जहरीली शराब पीने से आये दिन लोगों की मौत हो रही है़ इस दिशा में झारखंड में भी पहल होनी चाहिए़ यहां की सामाजिक-सांस्कृतिक रीति-रिवाज को देखते हुए सरकार को फैसला करना चाहिए़ राजस्व उगाही के दूसरे रास्ते खोजने चाहिए़ शराबबंदी से समाज स्वस्थ बनेगा़ महिलाएं हो रहीं जागरूक, हालात बदलेंगे : भाजपा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय का कहना है कि बिहार सरकार का शराब पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने का फैसला स्वागत योग्य है़ जहां तक झारखंड का सवाल है, तो यहां भी ग्रामीण इलाकों में महिलाएं जागरूक हो रही है़ं शराब माफियाओं के खिलाफ महिलाएं लगातार अभियान चला रही है़ं समाज में इसका सकारात्मक संदेश जा रहा है़ लोग जागरूक होंगे, तो हालात बदलेंगे़सरकार को कानून बनाना चाहिए़ : आजसूआजसू प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कदम अनुकरणीय है़ झारखंड इस बीमारी से ज्यादा पीड़ित है़ यहां इसका इलाज ज्यादा जरूरी है़ झारखंड को इससे निजात दिलाने की जरूरत है़ झारखंड शराब से मुक्त हो गया, तो विकास में तेजी आयेगी. समाज खुशहाल होगा़ शराब व हड़िया को यहां सांस्कृतिक रूप में देखा जाता है, लेकिन अब यह विकृति बन गयी है़ सरकार को इस दिशा में कानून बनाना चाहिए़ पार्टी शुरू से रही है पक्ष में, समाज बरबाद हो रहा : झामुमोझामुमो महासचिव व प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि गुरुजी शुरू से ही शराब के खिलाफ समाज को जागृत करते रहे है़ं उन्होंने हड़िया व शराब का विरोध किया है़ शराब के कारण समाज बरबाद हो रहा है़ शराब की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर है़ यह आदिवासियों के शोषण का जरिया है़ सामाजिक व सांस्कृतिक रीति-रिवाज को देखते हुए इसे बंद करना चाहिए़ शराब के माध्यम से गरीब आदिवासियों का शोषण: राजदराजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा का कहना है कि शराब के माध्यम से राज्य में गरीब आदिवासियों का शोषण होता है़ बिहार से ज्यादा झारखंड में शराबबंदी की जरूरत है़ यहां खनन क्षेत्र है़ इस क्षेत्र में शराब के माध्यम से लोगों को उजाड़ने का काम होता है़ समाज के अंदर कई तरह की कुरीतियां इसके कारण पैदा हो रही है़ इस पर झारखंड सरकार को शीघ्र फैसला लेना चाहिए़ शराब पर पूर्णत: प्रतिबंध लगे : भाकपाभाकपा के राज्य सचिव केडी सिंह का कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने हिन्दुस्तान के अंदर दो ऐसे काम किये, जो अब तक किसी ने नहीं किया. इसमें महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण और शराबबंदी है. नीतीश कुमार ने रिस्क लिया है, लेकिन लोकतंत्र में आम लोगों को बचाने के लिए ऐसा करना पड़ता है़ इससे पहले मोरारजी देसाई ने यह कदम उठाया था. सरकार हड़िया को लेकर कुछ सुधारात्मक कदम उठा सकती है, लेकिन शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगे़ शोषण का जरिया है शराब, रोक लगे : मालेमाले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि शराब से सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों काे ही होता है़ यह शोषण का जरिया है़ गरीबों की जमीन लूट में शराब बड़ा माध्यम है़ सरकार को शराब पर आवश्यक रूप से नियंत्रण बनाना चाहिए़ बिहार ने अच्छा प्रयास किया है, उस दिशा में झारखंड में भी काम होना चाहिए़ झारखंड के लिए यह ज्यादा आवश्यक है़ झारखंड भी उठाये कदम : माकपामाकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव का कहना है कि शराब से सबसे ज्यादा नुकसान समाज के दबे-कुचले लोगों को होता है. इससे परिवार तबाह हो रहा है़ बिहार ने शराबबंदी का फैसला लेकर बड़ा काम किया है़ राज्य सरकार को भी इस पर रोक लगाने के लिए कानून बनाना होगा़ शराबबंदी का कड़ाई से पालन होना चाहिए़