निलंबित भूअर्जन पदाधिकारी शारदानंद देव की गिरफ्तारी का आदेश
निलंबित भूअर्जन पदाधिकारी शारदानंद देव की गिरफ्तारी का आदेश एसीबी ने जांच में पाया गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप सही रांची. कोडरमा में रेलवे लाइन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा राशि घोटाले मामले में शारदानंद देव पर भी एसीबी ने जांच में आरोप सही पाया है. वे कोडरमा जिला भूअर्जन पदाधिकारी से […]
निलंबित भूअर्जन पदाधिकारी शारदानंद देव की गिरफ्तारी का आदेश एसीबी ने जांच में पाया गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप सही रांची. कोडरमा में रेलवे लाइन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा राशि घोटाले मामले में शारदानंद देव पर भी एसीबी ने जांच में आरोप सही पाया है. वे कोडरमा जिला भूअर्जन पदाधिकारी से निलंबित हो चुके हैं. जांच में आरोप सही पाये जाने पर एसीबी के चीफ आइजी मुरारी लाल मीणा ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है. एसीबी के अधिकारियों को यह जानकारी मिली है कि निलंबन के दौरान उन्हें रांची कमिश्नर के कार्यालय में रहने का आदेश था, लेकिन वे इलाज के नाम पर एक पत्र भेज कर कहीं बाहर चले गये हैं. उनका मोबाइल भी बंद है. शारदानंद देव अगर सही में इलाज करवा रहे हैं, तब वे वर्तमान में कहां हैं, इसके बारे में एसीबी के अधिकारी जानकारी एकत्र कर रहे हैं. एसीबी के अधिकारियों के अनुसार जांच में पाया गया कि रैयतों को मुअावजा देने के लिए उनका एकाउंट कोडरमा बैंक ऑफ इंडिया शाखा में खुलवाया गया है, वह एकाउंट शारदानंद देव के कहने पर ही नाजिर नवलेश ने खुलवाया है. नवलेश बैंक ऑफ इंडिया शाखा से रैयतों के एकाउंट से रुपये कमीशन के तौर पर बैंक अधिकारियों के सहयोग से निकालता था. रुपये निकालने के बाद वह एक्सिस बैंक की शाखा में जाता था, जहां शारदानंद देव नवलेश का इंतजार करते रहते थे. वहां पर फिर से शारदानंद देव रुपये की गिनती करवाते और अपने कमीशन में मिले रुपये को दूसरे के एकाउंट में ट्रांसफर कर देते थे. जांच में विभिन्न एकाउंट में करीब 52 लाख रुपये ट्रांसफर किये जाने की पुष्टि भी हो चुकी है.