स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर माओवादी हमले में शहीद पलामू के अमित तिवारी नहीं देख सके अपने बेटे का मुंह
शहीद जवान अमित कुमार तिवारी मूल रूप से पलामू जिले के मेदिनीनगर (डाल्टनगंज) के तोलरा गांव के रहने वाले थे. उनकी एक बेटी है और पांच दिन पहले ही पुत्र का जन्म हुआ था. बेटे के जन्म के बाद उन्होंने छुट्टी की अर्जी लगायी थी. 15 अगस्त के बाद उनको छुट्टी मिलनी थी.
चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) प्रताप: 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में माओवादी हमले में जगुआर के दो जवान अमित कुमार तिवारी और गौतम कुमार शहीद हो गए हैं. अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में माओवादियों ने घात लगाकर अचानक हमला कर दिया था. अमित कुमार तिवारी तोलरा (पलामू) के रहने वाले थे. उनकी एक पुत्री है और पांच दिन पहले उन्हें पुत्र हुआ है. 15 अगस्त के बाद उन्हें छुट्टी मिलनी थी, लेकिन इससे पहले ही वे शहीद हो गए. उनके गांव में मातम पसरा है.
15 अगस्त के बाद मिलनी थी छुट्टी
शहीद जवान अमित कुमार तिवारी मूल रूप से पलामू जिले के मेदिनीनगर (डाल्टनगंज) के तोलरा गांव के रहने वाले थे. उनकी एक बेटी है और पांच दिन पहले ही पुत्र का जन्म हुआ था. बेटे के जन्म के बाद उन्होंने छुट्टी की अर्जी लगायी थी. 15 अगस्त के बाद उनको छुट्टी मिलनी थी, लेकिन 14अगस्त की रात घटी नक्सली हमले के बाद तोलरा गांव में मातम पसरा हुआ है. घटना की खबर उनके बहनोई संतन तिवारी को जैसे ही मिली, वे सबसे पहले रांची पहुंचे. संतन तिवारी वर्तमान में बहरागोड़ा के थाना प्रभारी हैं.
आजादी की 76वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर माओवादियों का हमला
पश्चिमी सिंहभूम जिले में माओवादियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया है. इसमें दो जवानों शहीद हो गए हैं. माओवादियों ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर घटना को अंजाम दिया है. यह घटना पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र में हुई है. माओवादियों ने झारखंड जगुआर के जवानों पर हमला कर दिया. माओवादियों के इस हमले में अमित तिवारी और गौतम कुमार शहीद हो गए.
डीआईजी अजय लिंडा और एसपी आशुतोष शेखर ने की पुष्टि
पश्चिमी सिंहभूम के डीआईजी अजय लिंडा और एसपी आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया है कि भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा के दस्ते ने घटना को अंजाम है. सूत्रों के मुताबिक 2 दिन पहले सुरक्षाबलों की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी, जिसमें नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ था. जवानों ने विस्फोटक सहित भारी मात्रा में नक्सली सामान बरामद किए थे. इसके बाद नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई थी. इसी के तहत नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है.
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नक्सल विरोधी अभियान जारी
पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि अभियान के दौरान ही 14 अगस्त की देर शाम करीब 7 बजे तुम्बाहाका और सरजोमबुरू के बीच में पहाड़ी व जंगली क्षेत्रों में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हो गयी थी, जिसमें झारखंड जगुआर के पुलिस अवर निरीक्षक अमित कुमार तिवारी और आरक्षी गौतम कुमार शहीद हो गये थे. एसपी समेत झारखंड पुलिस एवं अभियान में शामिल सभी जवानों ने अमित कुमार तिवारी और गौतम कुमार को उनकी शहादत पर श्रद्धा सुमन अर्पित की है. उन्होंने कहा है कि नक्सल विरोधी अभियान जारी है.
भोजन की थी तैयारी, अचानक कर दिया हमला
सूत्र बताते हैं कि नक्सलियों ने जवानों पर उस समय अचानक हमला कर दिया था, जब वे लोग भोजन की तैयारी कर रहे थे. इस बीच घात लगाए नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दो जवान शहीद हो गए. नक्सल प्रभावित तुम्बाहाका में सीआरपीएफ का नया कैंप स्थापित हुआ है. इस कैंप से कुछ दूरी पर झारखंड जगुआर का भी कैंप है.
घात लगाए बैठे थे नक्सली
सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर के जवान एक कैंप से दूसरे कैंप में खाना भेज रहे थे. जंगल के रास्ते में माओवादी घात लगाए बैठे हुए थे, जैसे ही झारखंड जगुआर के जवान वहां से गुजरे माओवादियों ने दो जवानों पर फायरिंग कर दी. आपको बता दें कि टोंटो प्रखंड के तुंबाहाका सहित कई गांवों में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं है.
नक्सलियों के खिलाफ जारी है अभियान
पश्चिमी सिंहभूम जिले के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन माकपा माओवादी के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, रमेश उर्फ अनल, अजय महतो, अनमोल, मोछु, चमन, कांडे, सागेन अंगरिया और अश्विन अपने दस्ते के साथ कोल्हान क्षेत्र में अपने नापाक इरादों को सफल बनाने के लिए भ्रमणशील है. ऐसी सूचना मिली है. इसे लेकर जिला पुलिस, कोबरा 209, 203, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ 80, 197, 157, 174 , 134, 193, 07, 26 बटालियन की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार तलाश अभियान चलाया जा रहा है.