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13 में 12 चापानल हुए बेकार
यूं तो पूरे झारखंड में करीब-करीब पेयजल संकट गहरा गया है. पलामू भी इससे अछूता नहीं है. मेिदनीनगर स्थित नििमया गांव में भी पानी की घोर िकल्लत हो गयी है. लोग साइिकलों व मोटरसाइिकलों से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को िववश हैं. कहीं-कहीं तो लोग रात भर जाग कर पानी की व्यवस्था कर रहे […]
यूं तो पूरे झारखंड में करीब-करीब पेयजल संकट गहरा गया है. पलामू भी इससे अछूता नहीं है. मेिदनीनगर स्थित नििमया गांव में भी पानी की घोर िकल्लत हो गयी है. लोग साइिकलों व मोटरसाइिकलों से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को िववश हैं. कहीं-कहीं तो लोग रात भर जाग कर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. जन प्रतिनिधि भी इस पर गंभीर नहीं िदख रहे हैं.
मेदिनीनगर : इस बार गरमी में भी निमिया गांव के लोगों की समस्या दूर नहीं हुई. निमिया सदर प्रखंड के जोड पंचायत के अंतर्गत आता है. प्रमंडलीय मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह इलाका ड्राइ जोन के रूप में चिह्नित है. गांव में सरकारी स्तर पर 13 चापानल लगे हैं. जिसमें 12 खराब है या फिर सूख गया है. एक चापानल, जो चालू हालत में है, वह भी दो-चार बाल्टी देने के बाद हांफने लगता है. फिर भी लोग उसी चापानल का उपयोग किसी तरह कर रहे हैं.
खराब 12 चापानलों में से एक चापानल जो मेहता टोला में लगा है, उसका पाइप और हेड गांव के रामधनी मेहता के यहां खोल कर रखा गया है. दो साल पहले चापानल खराब हो गया था.
चापानल का वासर खराब था, बनाने के लिए पाइप व हेड निकाला गया था. लेकिन आरोप है कि जल साहिया द्वारा उस चापानल की मरम्मत नहीं करायी गयी. इसके कारण मामूली देखरेख के अभाव में वह चापानल बेकार हो गया. लोगों का कहना है कि यदि उसे ठीक कर दिया जाये, तो पानी मिल सकता है, पर इस पर किसी का ध्यान नहीं है. लोगों की शिकायत है कि मुखिया ने भी ध्यान नहीं दिया. जो सामर्थ्यवान हैं, वह टैंकर से पानी खरीद रहे हैं.
प्रतिदिन करीब 10 टैंकर पानी की खरीदारी होती है. करीब चार से पांच हजार रुपये प्रतिदिन खर्च हो रहे हैं. जो पानी खरीदने में सक्षम नहीं है, वैसे लोग करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय कर सुदना या कोयल नदी से पानी लाते हैं. मोटरसाइकिल या फिर साइकिल से ढोकर पानी लाया जाता है. पूर्व में सांसद और विधायक ने यह वादा किया था कि मार्च 2016 से इस क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त पानी मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
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