‘घड़ी’ डिटर्जेंट पाउडर फैक्टरी सील
चैनपुर (पलामू) : पलामू में नकली घड़ी डिटर्जेंट पाउडर तैयार कर उसे बेचने जाने का धंधा किया जा रहा था. कंपनी की शिकायत के बाद मंगलवार को इस कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. चैनपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर के विवेकानंद नगर में गिरीश कुमार अग्रवाल के घर में यह फैक्टरी चल रही थी. इस मामले […]
चैनपुर (पलामू) : पलामू में नकली घड़ी डिटर्जेंट पाउडर तैयार कर उसे बेचने जाने का धंधा किया जा रहा था. कंपनी की शिकायत के बाद मंगलवार को इस कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. चैनपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर के विवेकानंद नगर में गिरीश कुमार अग्रवाल के घर में यह फैक्टरी चल रही थी. इस मामले में गिरीश कुमार अग्रवाल के भाई सतीश कुमार को गिरफ्तार किया गया है. जबकि गिरीश कुमार अग्रवाल फरार हैं.
नकली घड़ी डिटर्जेंट पाउडर बेचा जा रहा है. इसकी शंका कंपनी को तब हुई, जब पलामू प्रमंडल में कंपनी की माल की खपत कम होने लगी. कंपनी के विधि मामलों के सहायक महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जब माल की खपत कम होने लगी, तो कंपनी ने अपने स्तर से पता लगाया, लेकिन बाजार में घड़ी डिटर्जेंट पाउडर सभी दुकानों में पूर्व की तरह ही उपलब्ध थे, लोग खरीद भी रहे थे, लेकिन वह असली उत्पाद होने की जगह नकली था.
इस मामले में पहले कंपनी ने अपने स्तर से जांच-पड़ताल की, पता लगाया तो पता चला कि शाहपुर में नकली घड़ी डिटर्जेंट पाउडर का कारोबार चल रहा है. इसकी शिकायत एसडीओ से की गयी, एसडीओ ने दंडाधिकारी के रूप में चैनपुर बीडीओ मनोज कुमार तिवारी को प्रतिनियुक्त किया था.
उनकी मौजूदगी में उस गोदाम में छापामारी की गयी, जहां नकली घड़ी डिटर्जेंट पाउडर को बनाया जा रहा था, साथ ही उसकी पैकिंग भी होती थी. यद्यपि मंगलवार को काम बंद था, लेकिन गोदाम में भारी मात्रा में माल पड़ा हुआ था. जब खोल कर तलाशी ली गयी, तो घड़ी की नकली पैकिंग के साथ-साथ अन्य कई कंपनी के भी नकली डिटर्जेंट पाउडर वहां पाया गया.
बताया गया कि घड़ी डिटर्जेंट पाउडर की पैकिंग इस प्रकार की जा रही थी कि जो बारीकी से न देखे, वह नकली और असली में फर्क नहीं कर पाता. बीडीओ श्री तिवारी ने बताया कि जांच के दौरान जो तथ्य उभर कर सामने आये, उसके मुताबिक नकली घड़ी डिटर्जेंट पाउडर बनाने का कारोबार पिछले डेढ़ वर्षों से चल रहा था. जब कंपनी द्वारा उनलोगों को शिकायत मिली, तो छापामारी की गयी. इसमें पूरा मामला उभर कर सामने आया है.
प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. गोदाम को सील कर दिया गया है. वहीं कंपनी के अधिकारी मनोज सिंह का कहना था कि कंपनी नकल से हमेशा सावधान रहने की अपील करता है. पहले भी कुछ नकल करने वाले लोग पकड़े गये हैं, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर नकली डिटर्जेंट पाउडर बनाने का कारोबार पाये जाने का यह संभवत: पहला ही मामला होगा है.
जो समान बरामद किया गया है, उसके मुताबिक नकली डिटर्जेंट का 1 किग्रा, 500 ग्राम, 190 ग्राम का पाकेट था. घड़ी के अलावा पीपल, सिपाही, छड़ी, गरिमा, पावर एक्सल की भी नकली डिटर्जेंट तैयार किया गया था. यह धंधा करोड़ों का बताया जा रहा है, इसी धंधे के बल पर गिरीश अग्रवाल द्वारा अलीशान मकान भी बनाया गया है. मकान दो तल्ले का है, उपरी तल्ला पर गिरिश अग्रवाल रहते हैं और निचला तल्ला पर कारोबार चलता है.
छापामारी में थाना प्रभारी रामअनुप महतो, सब इंस्पेक्टर बेंजामिन पूर्ति, एएसआइ शंभू शर्मा, घड़ी डिटर्जेंट के फील्ड अॉफिसर विजय प्रसाद सिंह, एएसआइ राजीव कुमार सिंह सहित कई लोग शामिल थे.