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ऑनलाइन म्यूटेशन में पलामू पीछे

भू राजस्व विभाग के निदेशक ने तीनों जिले के अंचल अधिकारियों के साथ बैठक की मेदिनीनगर : ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले में पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों में पलामू की स्थिति काफी खराब है. आंकड़ों के मुताबिक पलामू प्रमंडल के तीन जिले पलामू, गढ़वा व लातेहार में अंचल की संख्या 43 है. इसमें आठ अंचल […]

भू राजस्व विभाग के निदेशक ने तीनों जिले के अंचल अधिकारियों के साथ बैठक की
मेदिनीनगर : ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले में पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों में पलामू की स्थिति काफी खराब है. आंकड़ों के मुताबिक पलामू प्रमंडल के तीन जिले पलामू, गढ़वा व लातेहार में अंचल की संख्या 43 है.
इसमें आठ अंचल में ऑनलाइन म्यूटेशन का कार्य हो रहा है. लेकिन इन आठों अंचल में एक भी अंचल पलामू जिले का नहीं है. इसमें से पांच अंचल गढ़वा जिला व तीन लातेहार के हैं. पलामू प्रमंडल में ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए जो कार्य चल रहा है. शनिवार को उसकी समीक्षा भू-राजस्व विभाग के निदेशक राजीव रंजन ने की.
इस दौरान निदेशक श्री रंजन ने कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया. निदेशक श्री रंजन ने बताया कि बैठक में निर्देश दिया है कि पलामू में भी कार्य में तेजी लाया जाये. ऑनलाइन म्यूटेशन कार्य के लिए चार एजेंसी को कार्य दिया गया है, ताकि कार्य में तेजी आ सके. ऑनलाइन म्यूटेशन का जो कार्य हो रहा है, वह कार्य त्रुटिरहित रहे, इस बात पर विशेष तौर पर फोकस किया जा रहा है.
ऑनलाइन म्यूटेशन का कार्य पूरा होने के पहले हल्का कर्मचारी व अंचल पदाधिकारी के स्तर से प्रमाण पत्र देना है, जिसमें इस बात का जिक्र करना है कि मैनुअल खतियान का मिलान किया गया, ऑनलाइन डाटा से वह मेल खाता है और इसमें कोई त्रुटि नहीं है, उसके बाद उसे ऑनलाइन किया जा रहा है. बैठक में बताया गया कि ऑनलाइन लगान सिस्टम का कार्य अभी रांची, रामगढ़ और हजारीबाग जिले में चल रहा है. पलामू की अपेक्षित प्रगति नहीं रहने पर निदेशक श्री रंजन ने चिंता जतायी. कहा कि सीओ को जितना रुचि इस कार्य में लेना चाहिए, उसका अभाव दिख रहा है.
पता नहीं ऐसा क्यों हो रहा है? बैठक के दौरान निदेशक ने कई सीओ से कहा कि जब बैठक में आते हैं, तो पूरी जानकारी के साथ आयें, काम हो तो स्मार्ट वर्क हो. बैठक में बात करने से पता चले कि कोई जानकार से बात हो रही है. यदि ले मैन जैसी बातें होंगी, तो कार्य कैसे पूरा होगा. इसलिए कार्य पर फोकस करें, ताकि ससमय कार्य पूरा हो. बैठक में पलामू के अपर समाहर्ता मोहितमुक्ति मंजर, जिला निबंधक पदाधिकारी रामेश्वर सिंह, सीओ सोमनाथ बनर्जी, राकेश सहाय सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे.
पिछले एक वर्ष में बदली है तसवीर
ऑनलाइन म्यूटेशन का कार्य हो, अंचल ऑनलाइन हो, इस कार्य में पिछले एक वर्ष में झारखंड में अपेक्षित प्रगति हुई है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले सात साल में राज्य के 21 अंचल ऑनलाइन हुए थे, लेकिन पिछले एक वर्ष के दौरान यह संख्या 135 हो गयी है. राज्य के 135 अंचल ऑनलाइन हुए हैं. डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड के कार्य में झारखंड की प्रगति की सराहना केंद्र स्तर पर भी हुई है. निदेशक श्री रंजन ने बताया कि बेंगलुरु में 15 व 16 जुलाई को जो बैठक हुई थी, उसमें झारखंड के तरफ से यह आंकड़े पेश किये गये हैं, जिसकी सराहना केंद्र सरकार ने भी की है.
जो अंचल ऑनलाइन हैं
चिनिया, रमकंडा, धुरकी, भंडरिया, रंका, बरवाडीह, मनिका और गारू में ऑनलाइन म्यूटेशन का कार्य हो चुका है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए निदेशक श्री रंजन ने कहा कि दो सप्ताह में ऑनलाइन लगान का कार्य भी शुरू हो, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
ऑनलाइन का कार्य होने से लोगों को काफी लाभ होगा. जो पुराने खतियान नहीं मिलेंगे, या फिर उसका अपेक्षित रख-रखाव नहीं हुआ, तो इस मामले में जो दोषी होंगे, उनके खिलाफ भी होगी. कार्य में अपेक्षित प्रगति रहे, इसके लिए समय-समय पर समीक्षा करने की भी बात कही.

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