बहना ने भाई की कलाई पर…

मेदिनीनगर : भाई–बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पलामू जिले में इस पर्व की धूम रही. जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रक्षाबंधन पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. इस पर्व को लेकर सुबह से ही चहल–पहल दिख रही थी. बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2016 8:38 AM
मेदिनीनगर : भाई–बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पलामू जिले में इस पर्व की धूम रही. जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रक्षाबंधन पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया.
इस पर्व को लेकर सुबह से ही चहल–पहल दिख रही थी. बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उन्हें अपनी जिम्मेवारी का एहसास कराया. वहीं भाइयों ने बहनों से राखी बंधवा कर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया. पर्व के दौरान यह देखने को मिला कि भाई व बहन रक्षाबंधन पर्व को लेकर काफी उत्साहित थे. जहां भाई ने राखी बंधवाने के लिए बहन के पास पहुंचा, वहीं कई ऐसी बहनें भी थी जो भाई को राखी बांधने के लिए उसके घर तक गयी. यह पर्व भाई बहन के असीम प्रेम को दर्शाता है. बहनों ने भाई को तिलक किया, आरती उतारी और राखी बांध कर मुंह मीठा कराया. इस पर्व के दौरान कई जगहों पर रक्षाबंधन पर्व से जुड़े गीत भी बज रहे थे.
दलित बहनों से बंधवायी राखी: सदर प्रखंड के उपमुखिया संघ के अध्यक्ष अभिषेक तिवारी एवं नवजवान संघर्ष मोरचा के डालटनगंज विधानसभा प्रभारी राकेश तिवारी ने गुरुवार को रक्षाबंधन के दिन दलित बहनों से राखी बंधवायी. जिस तरह हिंदू लड़की करणावती ने मुसलिम शासक हुमायूं को पत्र के साथ राखी भेजकर अपनी रक्षा के लिए वचनबद्ध किया था.
ठीक उसी प्रकार अभिषेक तिवारी व राकेश तिवारी ने रेड़मा उतरी पंचायत के छेचानी के दलित टोला में दलित बहनों से राखी बंधवा कर समाज के सामने मिशाल पेश किया है. उन दोनों ने यह साबित किया कि भाई–बहन के प्यार में जाति–धर्म आड़े नहीं आता. दलित टोले की जूही, पिंकी, सुमन, पूजा, रूणा, आरती, कौशल्या, सीता, लक्ष्मी, सरस्वती सहित दर्जनों दलित लड़कियों ने अभिषेक व राकेश की कलाई में राखी बांध कर अपनी रक्षा की जिम्मेवारी सौंपी.
दलित बहनों के इस निष्च्छल प्रेम की डोर में बंधकर अभिषेक व राकेश भाव विभोर होकर उनकी आजीवन रक्षा करने का संकल्प लिया. कहा कि भाई बहन के प्रेम की कोई कीमत नहीं होती. वे लोग भी इन दलित बहनों के हर सुख–दुख में शामिल रहेंगे और हर संभव उनके इस प्रेम का मान–सम्मान करेंगे. इस अवसर पर टोले के काफी संख्या में दलित महिला–पुरुष मौजूद थे, जिन्होनें समाज की बेहतरी के लिये इस तरह के कार्य की सराहना की.

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