आदिवासियों को एसएचजी से जोड़ें

मेदिनीनगर : शुक्रवार को साहित्य समाज चौक स्थित राजा भाउ स्मारक स्मृति भवन में बनवासी कल्याण केंद्र की बैठक हुई. बैठक में वनवासी कल्याण केंद्र ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित गतिविधियों की समीक्षा की. बताया गया कि जिले में एकल विद्यालय 15, चिकित्सा केंद्र एक, सत्संग केंद्र पांच, खेलकूद केंद्र 10, लोक कला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2016 1:18 AM

मेदिनीनगर : शुक्रवार को साहित्य समाज चौक स्थित राजा भाउ स्मारक स्मृति भवन में बनवासी कल्याण केंद्र की बैठक हुई. बैठक में वनवासी कल्याण केंद्र ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित गतिविधियों की समीक्षा की.

बताया गया कि जिले में एकल विद्यालय 15, चिकित्सा केंद्र एक, सत्संग केंद्र पांच, खेलकूद केंद्र 10, लोक कला केंद्र एक संचालित है. वनवासी कल्याण केंद्र द्वारा सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले आदिवासियों के आर्थिक विकास के लिए स्वयं सहायता समूह से जोड़ा है. अभी तक 60 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है.

बैठक में केंद्र की गतिविधियों को तेज करने का निर्देश दिया गया. केंद्र से जुड़े कार्यकर्ताओं को सक्रियता के साथ काम करने की सलाह दी गयी. जो कार्यकर्ता निष्क्रिय हैं, उन्हें सक्रिय बनाने की दिशा में काम करें. मुख्य अतिथि लोहरदगा संभाग के सह संगठन मंत्री विजय महंती ने कहा कि इसाई मिशिनिरियों से हिंदुत्व को खतरा है. इसे रोकने के लिए वनवासी कल्याण केंद्र के कार्यकर्ता सक्रिय होकर काम कर रहे हैं. वनों में रहने वाले लोगों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें अपने धर्म व संस्कृति की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. हालांकि इस कार्य को करने में कार्यकर्ताओं को काफी परेशानी हो रही है.

देश के 150 लाख गांव में से 64 हजार गांव बनवासी कल्याण केंद्र के संपर्क में हैं, इसमें से 18 हजार गांवों में 22 हजार प्रकल्प के जरीये गतिविधि संचालित है. बैठक में प्रांत सह संगठन मंत्री कैलाश उरांव, प्रांत महिला प्रमुख ललिता कुमारी, लोहरदगा संभाग संयोजक लक्ष्मीनारायण भगत, प्रांत श्रद्धा जागरण प्रमुख रामजी उरांव, जिला संगठन मंत्री सुरेश सिंह, जिला सचिव अश्विनी मिश्रा के अलावा जिला समिति व वनवासी कल्याण केंद्र से जुड़े कार्यकर्ता शामिल थे.

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