वर्चस्व की लड़ाई में पीस रहे हैं भुखला के ग्रामीण

वर्चस्व की लड़ाई में पीस रहे हैं भुखला के ग्रामीण हेडिंनग…नक्सलियों ने की पांच घरों में ताला बंदीछह लोगों की पिटाईटीपीसी समर्थक व पुलिस का मुखबिरी का लगाया आरोपग्रामीण कर रहे हैं घटना से इनकार. फ़ोटो :- नेट से : घरों में लगाया गया ताला.प्रतिनिधि4पांडू.विश्रामपुर थाना क्षेत्र के भुखला गांव में बीती रात नक्सलियों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2016 12:00 AM

वर्चस्व की लड़ाई में पीस रहे हैं भुखला के ग्रामीण हेडिंनग…नक्सलियों ने की पांच घरों में ताला बंदीछह लोगों की पिटाईटीपीसी समर्थक व पुलिस का मुखबिरी का लगाया आरोपग्रामीण कर रहे हैं घटना से इनकार. फ़ोटो :- नेट से : घरों में लगाया गया ताला.प्रतिनिधि4पांडू.विश्रामपुर थाना क्षेत्र के भुखला गांव में बीती रात नक्सलियों ने पांच घरों में ताला जड़ दिया है. वहीं छह लोगों के साथ मारपीट की गयी. इस घटना से ग्रामीणों में काफी दहशत है. डर के कारण ग्रामीण इस घटना से इनकार कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार बुधवार की रात 20-25 की संख्या में हथियार बंद नक्सली भुखला गावं पहुचे. सबसे पहले जसमतिया कुंवर के घर गए और उसके बेटे की खोजबीन शुरू की. नक्सलियों ने जसमतीया कुंवर को घर में ताला जड दिया. जसमतिया कुंवर का पुत्र इलाज कराने के लिए घर से बाहर था. नक्सलियों ने इसके बाद राजकुमार महतो, मंजू महतो, लोहा सिंह महतो, लखन महतो के घर के दरवाजे पर ताला जड दिया. वही सोनी महतो, भोला महतो, सिकंदर महतो, कमेश महतो व लोहा सिंह महतो के साथ मारपीट भी की. जिन लोगों के साथ मारपीट की गयी, उनलोगों पर आरोप है कि वे लोग टीपीसी के समर्थक हैं. साथ ही पुलिस की मुखबिरी करते हैं. यह घटना बुधवार की रात्रि 9:30 बजे की है, पिटाई के बाद सिकंदर मेहता की हालत गंभीर बन गयी है. उसे इलाज के लिए परिजनों ने मेदिनीनगर ले जाया गया है. एक माह पूर्व में भी टीपीसी संगठन द्वारा भुखला के सत्येंद्र मेहता, जीतेंद्र मेहता व नागेंद्र मेहता के साथ मारपीट की गयी थी. टीपीसी का आरोप था की पिटाई किये गये लोग माओवादी के लिए काम करते हैं. जानकारी मिलने के बाद पांडू पुलिस व बिश्रामपुर पुलिस ने गुरुवार को मौके पर पहुँच कर घर का ताला खोल दिया है. पुलिस द्वारा ताला खोलने के बाद लोगों में डर बनी है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसकी जानकारी मिलने पर पुनः नक्सलियों द्वारा घटना को अंजाम दिया जा सकता है. जसमतिया कुंवर ने कहा कि मेरा बेटा किसी को क्या बिगाड़ा है, जो मेरे साथ ऐसा किया जा रहा है, चार माह पूर्व में भी इस गांव में कुछ लोगों की पिटाई की गयी थी व घरों में ताला बंदी भी की गयी थी. इस गांव के लोग दोनों नक्सलियों के वर्चस्व की लड़ाई में पीस रहे हैं. दोनों संगठनों ने ग्रामीणों पर एक दूसरे का समर्थक होने का आरोप लगाकर उनके साथ मारपीट व उनके घरों में तालाबंदी की जा रही है.

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