10 वर्ष बाद भी एक भी बच्ची को नहीं मिला लाभ

मामला विशेष छात्रवृत्ति देने का 10वीं की छात्रा तान्या ने किया मामले का खुलासा हैदरनगर : सरकार महिला शिक्षा व महिला सशक्तिकरण के नाम पर एक पर एक कानून बनाती जा रही है. वह कानून सिर्फ कहने व फाइलों तक ही सीमित रह जाते हैं या उनका अनुपालन हो रहा है. यह देखने वाला कोई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2016 7:07 AM
मामला विशेष छात्रवृत्ति देने का
10वीं की छात्रा तान्या ने किया मामले का खुलासा
हैदरनगर : सरकार महिला शिक्षा व महिला सशक्तिकरण के नाम पर एक पर एक कानून बनाती जा रही है. वह कानून सिर्फ कहने व फाइलों तक ही सीमित रह जाते हैं या उनका अनुपालन हो रहा है. यह देखने वाला कोई नहीं है. ऐसा ही एक उदाहरण केंद्र सरकार द्वारा 2005 में दिये गये निर्देश का भी है. सरकार के निर्देशों की किस तरह धज्जियां उड़ायी जाती हैं यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाता है.
शिक्षा विभाग भी पीछे नहीं है. 2005 में जारी निर्देश का पलामू में अबतक पालन नहीं हुआ, जिस कारण लाखों छात्राएं लाभ से वंचित रह गयीं. इसकी एक बानगी नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की एक अति महत्वकांक्षी निर्देश के मामले में देखने को मिल रही है. इस निर्देश को निजी विद्यालय प्रबंधन व विभाग के अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. मालूम हो कि 22 सितंबर 2005 को केंद्र सरकार ने नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसइ व यूजीसी को विशेष अधिकार दिये हैं.
इसके तहत इकलौती संतान यदि पुत्री हो, तो वर्ग छह से 12वीं तक निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कही गयी है. वहीं मात्र दो पुत्री संतानों के मामले में ट्यूशन फी, भोजन व यातायात सहित विद्यालयी शिक्षा से संबंधित अन्य सभी खर्चों में से आधा का वहन सरकारी स्तर से किये जाने का प्रावधान किया गया था. इसी तरह यदि ऐसी संतानें उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहें, तो वहां भी विशेष छात्रवृत्ति की व्यवस्था के निर्देश यूजीसी को दिये गये हैं.
पलामू जिले के सीबीएसइ एफलिएटेड विद्यालय इसका अनुपालन नहीं कर रहे हैं. विद्यालय प्रबंधन सरकार के किसी ऐसे निर्देश पत्र प्राप्त नहीं होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं. विगत दिनों जब मेदिनीनगर जिला मुख्यालय स्थित रोटरी स्कूल में अध्ययनरत वर्ग 10 की छात्र तान्या तृप्ति ने अपने इस विधिसम्मत अधिकार की मांग की, तो विद्यालय प्रबंधन ऐसे किसी सरकारी प्रावधान की जानकारी नहीं होने की बात कही. एसडीअो अनुमंडल पदाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रोटरी स्कूल प्रबंधन को पत्र भेज कर प्रावधान के अनुसार सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं.
इस पर विद्यालय प्रबंधन उसके शुल्क में महज 500 रुपये की छूट दे दी है. हालांकि इस मामले में विगत 31 अगस्त को मेदिनीनगर आयी शिक्षा सचिव अाराधना पटनायक से भी तान्या ने अपने इस अधिकार के लिए गुहार लगायी है. देखना यह है कि तान्या द्वारा छात्रओं को उक्त योजना का लाभ दिलाने का अभियान विभागीय अधिकारी सफल होने देंगे या इसे भी दबा दिया जायेगा.

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