हैदरनगर में जलसा, मजलिस का दौर जारी

हैदरनगर : रविवार को चांद दिखने के साथ ही हैदरनगर क्षेत्र में मुहर्रम का आगाज हो गया है. चूंकि हैदरनगर में शिया समुदाय के लोग भी निवास करते हैं. इसीलिए मुहर्रम का त्योहार हैदरनगर में राज्य के अन्य इलाकों से अलग होता है. चांद रात से ही एक ओर शिया समुदाय के मर्द व औरतें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2016 1:12 AM
हैदरनगर : रविवार को चांद दिखने के साथ ही हैदरनगर क्षेत्र में मुहर्रम का आगाज हो गया है. चूंकि हैदरनगर में शिया समुदाय के लोग भी निवास करते हैं. इसीलिए मुहर्रम का त्योहार हैदरनगर में राज्य के अन्य इलाकों से अलग होता है. चांद रात से ही एक ओर शिया समुदाय के मर्द व औरतें मजलिसों व कर्बला के बयानात करने में मशगूल हो जाते हैं.
वहीं सुन्नी मुसलमान चौक को जगाने व परंपरागत खेलों के अलावा मातम व मरसिया में लग जाते हैं. शिया समुदाय की औरतें चांद रात से ही सिंदूर, चूड़ी व शृंगार त्याग दिया करती हैं. वहीं मर्द व औरतें पान खाने से लेकर वह सारे कार्य नहीं करते, जो खुशी का प्रतीक हो.
उनके घर 10 दिन तक मुकम्मल मातम सा माहौल रहता है. शिया वक्फ बोर्ड के मोतवल्ली सैयद अयूब हुसैन के अनुसार कर्बला की जंग में फौज-ए-हुसैनी को जो तकलीफें दी गयी थी, उससे सभी वाकिफ हैं. उन्होंने कहा कि मुहर्रम करबला के शहीदों की याद में मनाया जाता है. इस लिए इस मौके पर शिया समुदाय के घरों में 10 दिन मातम सा माहौल रहता है. उन्होंने कहा कि समुदाय की औरतें दो माह आठ दिन तक विधवा की तरह जीवन बिताती है. इस मौके पर खास मजलिस के लिए राष्ट्रीय स्तर के ओलेमा को बुलाया जाता है. उधर सुन्नी समुदाय ने अंसार मुहल्ला में जलसा-ए-हुसैनी का आयोजन किया गया है. जलसा की शुरुआत चांद रात से ही कर दी गयी है. इसमें इलाके के मशहूर व मारुफ ओलेमा ए कराम के अलावा नातखां को आमंत्रित किया गया है.
शिया समुदाय का कार्यक्रम : मुहर्रम के चांद रात से लगातार दिन रात मजलिसों व मरसिया का दौर चलता रहेगा. पांचवीं को अली अकबर का ताबूत निकाला जायेगा. छठी को कूजे का मातम होगी. सातवीं को मेहंदी की रस्म होगी. आठवीं को जंजीरी मातम, नौवीं को विभन्नि इमाम बारगाहों में मजलिस, 10 वीं को ब्लेड मातम के साथ पहलाम की रस्म अदा की जोगी.
सुन्नी मुसलमानों का कार्यक्रम : पांचवीं को अलम के साथ जुलूस में परंपरागत हथियारों का खेल कूद व नौहाखानी, सातवीं को अलम के साथ जुलूस में नौहाखानी व खेल कूद, नौवीं को छोटकी चौकी की मिलनी होगी, 10 वीं को बडकी चौकी की मिलनी व भाई बिगहा इमामबाड़ी में मजलिस का आयोजन के बाद पहलाम के लिए अखाड़ा करबला ले जायेंगे. पूर्वजों को फातेहा भी दिया जायेगा.

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