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संस्कृति को ऊंचाई की ओर ले जाना ही प्रगतिशीलता : खगेंद्र
आइएमए हॉल में प्रगतिशील लेखक संघ का जिला स्तरीय सम्मेलन मेदिनीनगर : मंगलवार को आइएमए हॉल में प्रगतिशील लेखक संघ का पलामू जिला स्तरीय सम्मेलन हुआ. प्रसिद्ध शायर साहिर लुधियानवी के याद में इसका आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में संघ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव खगेंद्र ठाकुर मौजूद थे. सम्मेलन की अध्यक्षता अध्यक्ष […]
आइएमए हॉल में प्रगतिशील लेखक संघ का जिला स्तरीय सम्मेलन
मेदिनीनगर : मंगलवार को आइएमए हॉल में प्रगतिशील लेखक संघ का पलामू जिला स्तरीय सम्मेलन हुआ. प्रसिद्ध शायर साहिर लुधियानवी के याद में इसका आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में संघ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव खगेंद्र ठाकुर मौजूद थे. सम्मेलन की अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल के सदस्य पंकज श्रीवास्तव, अश्फाक अहमद, शर्मीला सुमी ने संयुक्त रूप व संचालन शबीर अहमद ने किया. मिथिलेश कुमार ने संघ के संगठनात्मक स्थिति पर प्रकाश डाला.
इप्टा के प्रेम प्रकाश ने देश पर सीमा पर शहीद सैनिकों व प्रबुद्ध साहित्यकारों के निधन पर शोक प्रस्ताव लाया. सम्मेलन में शामिल लोगों ने एक मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि दी. साहित्य सृजन में दिवंगत साहित्यकारों के अप्रतीम सहयोग के लिए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट किया गया.
सम्मेलन के मुख्य अतिथि संघ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव खगेंद्र ठाकुर ने कहा कि प्रगतिशील लेखक संघ राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा बने, इसके लिए सबको मिल कर काम करने की जरूरत है. भारतीय सभ्यता व संस्कृति को उच्चतर की ओर ले जाना है. इसका एक मात्र माध्यम साहित्य सृजन है. साहित्य सृजन के जरिये सभ्यता संस्कृति को ऊंचाई की ओर ले जाना ही प्रगतिशीलता है. साहित्य से ही समाज के लोगों की सोच की दिशा बदलती है.
सभ्यता को आगे ले जाने व बेहतर बनाने की दिशा में भी काम किया जाना चाहिए. मानवीय मूल्यों को स्थापित करने के साथ साथ शोषण के खिलाफ भी आवाज बुलंद करने की जरूरत है. यह तभी संभव होगा, जब रचनात्मक कार्य किया जायेगा. उन्होंने प्रेमचंद जैसे साहित्यकारों की रचनाओं का भी उल्लेख किया. बताया कि प्रेमचंद का यह कथन है कि हम साहित्य को केवल मनोरंजन व विलासिता की वस्तु नहीं समझते. हमारी कसौटी पर वही साहित्य कला उतरेगा, जिसमें उच्च चिंतन हो, स्वाधीनता का भाव हो, सौंदर्य का सार हो, सृजन की आत्य हो, जीवन सच्चाइयों का प्रकाश हो, जो हममें गति व बेचैनी पैदा करें, क्योंकि अब और ज्यादा सोना मृत्यु का लक्षण है.
सम्मेलन में प्रो केडी झा, डॉ रामानुज शर्मा, नंदलाल सिंह अन्य ने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर इप्टा ने साहित्य से जुड़े कई पोस्टर लगाये गये थे. मौके पर प्रो केके मिश्रा, गोकुल बसंत, नुदरत नवाज, दधीवल सिंह, शीला श्रीवास्तव , अरविंद सिन्हा, अतीक जैदी, प्रो मकबुल मंजर, प्रेम भसीन , इंतेखाब असर, एमजे अजहर, उपेंद्र मिश्रा, शैलेन्द्र सिंह, शैलेंद्र कुमार,शिव शंकर प्रसाद, सुरेश सिंह, महेश तिवारी, बिपिन सिन्हा सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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