राजनीति की गिरती साख बचाने की जरूरत

चैनपुर: चैनपुर के करसो, बोड़ी व मतौली के कार्यकर्त्ताओं की संयुक्त बैठक बोडी गांव में हुई. इसमें मुख्य रूप से डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सह युवा नेता श्री दिलीप सिंह नामधारी मौजूद थे. बैठक में श्री नामधारी ने कहा कि जनता व जनप्रतिनिधि के बीच रिश्ते की डोर मजबूत होनी चाहिए. लेकिन जब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2016 7:19 AM
चैनपुर: चैनपुर के करसो, बोड़ी व मतौली के कार्यकर्त्ताओं की संयुक्त बैठक बोडी गांव में हुई. इसमें मुख्य रूप से डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सह युवा नेता श्री दिलीप सिंह नामधारी मौजूद थे. बैठक में श्री नामधारी ने कहा कि जनता व जनप्रतिनिधि के बीच रिश्ते की डोर मजबूत होनी चाहिए. लेकिन जब से लोग लहर पर सवार होकर चुनाव जीतने लगे हैं, तब से जनप्रतिनिधि एवं जनता के बीच का जो भावनात्मक जुडाव होता था. वह लगभग खत्म होने लगा. लेकिन मोदी-लहर में जब पलामू जिले के विभिन्न चुनाव-क्षेत्रों से दूसरे दलों के लोग भाजपा से के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए आतुर थे. तो वैसे समय में मैंने भाजपा से त्याग-पत्र देकर निर्दलीय लड़ने की योजना बनायी. आज राजनीति अवसरवादिता से भरी पडी है.
ऐसे मे अवसरवादी लोग भले ही उनके इस कदम को मूर्खतापूर्ण कहें. लेकिन राजनीति की गिरती साख को बचाने के लिए यह छोटा प्रयास था. श्री नामधारी ने कहा कि मोदी-लहर में जीतने वाले जनप्रतिनिधि शायद ही जनता के सुख-दुःख में सहभागी होते होंगे. उन्होंने अपने पिता इन्ंदर सिंह नामधारी का उदाहरण देते हुए कहा कि बिना जात-पात, भेदभाव, ऊंच-नीच के उन्होंने लगातार 25 वर्ष तक इस इलाका प्रतिनिधित्व किया. आज के दिन भी जनता यदि कोई समस्या लेकर आ जाये, तो उसका हल निकालने की कोशिश करते हैं.
युवा नेता श्री नामधारी ने कहा कि इसी वर्ष हुई अतिवृष्टि से सगरदीनवा का पुल जब क्षतिग्रस्त हो गया, तो श्री नामधारी ने चार दिन तक स्वयं जेसीबी के साथ खड़े होकर उस पुल को चलने लायक बनाया. बैठक में रजवाडीह के मुखिया सह सदर प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष श्री विनय त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस मौके पर संजय प्रसाद, सुरेश मेहता, बिजय बैठा, शंकर साव, मनोहर प्रसाद (पूर्व मुखिया), उम्मत रसूल, रामचंद्र मोची, राजेंद्र बैठा, खलील अंसारी, जाहिर अंसारी, बिरेन्द्र मोची, उदय साव, उमेश महतो, राजमुनी महतो, गोपाल सिंह, रामसूरत बैठा सहित अन्य लोग भारी संख्या में मौजूद थे.

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