धान क्रय केंद्र तो खुले, लेकिन विक्रय नहीं कर पा रहे किसान
लगातार तीन वर्ष सुखाड़ की मार झेलने के बाद, इस साल पलामू में पर्याप्त बारिश हुई. धान की फसल भी अच्छी हुई. किसानों को फसल का सही मूल्य मिले इसके लिए धान क्रय केंद्र खुले हैं. कहा यह गया है जो किसान निबंधित हैं उन्हें एसएमएस जायेगा और उसके बाद किसान निर्धारित तिथि को धान […]
लगातार तीन वर्ष सुखाड़ की मार झेलने के बाद, इस साल पलामू में पर्याप्त बारिश हुई. धान की फसल भी अच्छी हुई. किसानों को फसल का सही मूल्य मिले इसके लिए धान क्रय केंद्र खुले हैं. कहा यह गया है जो किसान निबंधित हैं उन्हें एसएमएस जायेगा और उसके बाद किसान निर्धारित तिथि को धान क्रय केंद्र जाकर धान बेचेंगे. लेकिन क्या किसान आसानी से अपना धान बेच पा रहे हैं? प्रखंडों में जो धान क्रय केंद्र हैं, उसकी क्या स्थिति है, इसे जानने के लिए प्रभात खबर ने विभिन्न प्रखंडों की रिपोर्ट एकत्र की. इससे जो तसवीर उभर कर सामने आयी है वह किसानों के लिए काफी मुश्किल पैदा करनेवाली है .
किसान चाह कर भी अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं. सैकड़ों किसान केंद्र की तरफ से मिलनेवाले एसएमएस का आज तक इंतजार कर रहे हैं. घर में रखे-रखे उनका धान खराब होने लगा है. इधर मौसम का मिजाज बदला है .बारिश के बाद घने कोहरे का असर है, ऐसे में उन्हें धान के बरबाद होने का डर सता रहा है . धान क्रय केंद्र की स्थिति पर प्रस्तुत है यह रिपोर्ट.
अब तक शुरू नहीं हुई धान की खरीदारी
पड़वा प्रखंड में अबतक धान क्रय केंद्र में धान की खरीददारी शुरू नहीं हुई है. इस मामले में बीडीओ सुरेंद्र कुमार का कहना है कि मंगलवार को कुछ किसान उनके पास धान क्रय केंद्र के बारे जानकारी लेने आये थे. जिसके बाद बीडीओ ने इस संबंध में डीएसओ से बात कर पूरे मामले की जानकारी ली थी.
डीएसओ ने बीडीओ को जानकारी दी उसके अनुसार एफसीआइ के पास कर्मी की कमी है ,एफसीआइ द्वारा ही कर्मी की व्यवस्था की जानी है. एफसीआइ जल्द ही धान खरीदने की प्रक्रिया शुरू करेगा. बीडीओ ने बताया कि पंड़वा में लगभग 150 किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, उन्होंने कहा कि जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन हो गया उनसे निश्चित रूप से खरीदी की जायेगी.
धान क्रय केंद्र में बोरा नहीं, हो रही है परेशानी
सांसद आदर्श ग्राम पंचायत किशुनपुर में 27 दिसंबर को धान क्रय केंद्र खुला है. बताया जाता है कि इस क्रय केंद्र में बोरे का अभाव है. इस कारण धान की खरीददारी नहीं हो पा रही है. बीडीओ सोमनाथ बनर्जी का कहना है कि धान का क्रय करना एफसीआइ की जिम्मेवारी है. इस मामले को लेकर जानकारी ली गयी है. जो रिपोर्ट है उसके मुताबिक अभी तक मात्र एक किसान से ही धान का क्रय हो पाया है.
किसानों के निबंधन को लेकर लटका है मामला
चैनपुर में प्रखंड कार्यालय परिसर में धान क्रय केंद्र खोला गया है. लेकिन किसानों का निबंधन नहीं हो पाने के कारण किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं. किसानों की मानें तो उन लोगों ने दो माह पहले ही किसानों ने निबंधन के लिए आवेदन अंचल कार्यालय में जमा किये थे.
इस बारे में सीओ परमानंद डांग का कहना है कि उन्हें भी इसकी जानकारी मिली थी. पता किया गया तो स्पष्ट हुआ है कि जो आवेदन किसानों द्वारा जमा किये गये थे उसमें कुछ त्रुटि सुधार कर पुन: उसे जिला में भेज दिया गया है. जल्द ही यह प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी. किसान भीष्म चौरसिया, अशीष चौरसिया का कहना है कि किसानों के रजिस्ट्रेशन की स्थिति का पता ही नहीं चल पा रहा हैं. अंचल कार्यालय में कुछ और कहा जाता है और जिला में जाने पर कुछ और जानकारी मिलती है. किसान असमंजस में है.
किसानों को हो रही है परेशानी
सतबरवा प्रखंड में धान क्रय केंद्र बीते 18 दिसंबर को ही खोला गया है. इसमें अभी तक 363 किसानों के द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिये गये. इसमें 32 किसानों के कागजात सही नहीं पाये जाने पर वापस कर दिया गया है.
धान क्रय अधिकारी राजेश कश्यप ने बताया कि अभी तक 12 किसानों से 42 क्विंटल धान की खरीदारी हो पाई है. उन्होंने बताया कि सतबरवा तथा चैनपुर प्रखंड में तीन-तीन दिन खरीदारी करनी है. इससे किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि किसानों ने पूरे सप्ताह धान खरीद करने की मांग की है.
नहीं शुरू हुई धान की खरीदारी
हुसैनाबाद अनुमंडल में दो धान क्रय केंद्र खोले गये हैं. बुधवार को हुसैनाबाद के अनुमंडल पदाधिकारी सुरजीत सिंह ने क्रय केंद्र का निरीक्षण किया. वहां पाया गया कि एफसीआइ कर्मी नहीं आये है. एसडीओ श्री सिंह का कहना है कि 31 मार्च तक निबंधन कराना है. अभी तक 933 किसानों ने निबंधन कराया है.
जबकि 1368 किसानों ने आवेदन दिया है. इधर समय पर धान का क्रय नहीं होने के कारण किसान औने-पौने दाम पर बेचने को विवश है. किसानों का कहना है कि इस बार अच्छी फसल हुई थी. यदि समय पर धान का क्रय हो जाता है तो लाभ मिलता. अभी रवि की फसल बोने में यह पैसा काम आता.