16 सूत्री मांगों को लेकर अनशन शुरू
मेदिनीनगर : रविवार से कचहरी परिसर में आदिम जनजातियों का अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हुआ. भारतीय आदिम जनजाति परिषद के बैनर तले आदिम जनजातियों ने 16 सूत्री मांगों को लेकर अनशन शुरू किया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के जार्ज कोरवा व संचालन कैलाश परहिया ने किया. मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनमुक्ति पार्टी के […]
मेदिनीनगर : रविवार से कचहरी परिसर में आदिम जनजातियों का अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हुआ. भारतीय आदिम जनजाति परिषद के बैनर तले आदिम जनजातियों ने 16 सूत्री मांगों को लेकर अनशन शुरू किया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के जार्ज कोरवा व संचालन कैलाश परहिया ने किया.
मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनमुक्ति पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष उमाशंकर बैगा व्यास ने कहा कि झारखंड सरकार को आदिवासी विरोधी बताया. कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास तुगलकी फरमान जारी करते हैं, लेकिन गरीबों के हित में उनकी जुबान बंद हो जाती है. मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत आदिम जनजातियों को प्रखंड कार्यालय से अनाज मिलता था. लेकिन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए पदाधिकारियों की मिलीभगत से अब यह वितरण व्यवस्था जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों को सौंप दी गयी है. डीलरों द्वारा राशन की कालाबाजारी की जाती है. इस कारण आदिम जनजातियों को अनाज नहीं मिल पाता है.
आदिम जनजातियों ने प्रखंड मुख्यालय से ही अनाज वितरण की व्यवस्था कराने के मांग को लेकर कई बार पदाधिकारियों से मिले, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. कार्यक्रम में परिषद के केंद्रीय महासचिव ज्योति सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार सीएनटी एसपीटी एक्ट में संशोधन कर पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है. इस एक्ट में संशोधन से आदिवासियों को लाभ होने वाला नही है. उन्होंने इस एक्ट में किये गये संशोधन को वापस लेने की मांग की है. धरना कार्यक्रम में वक्ताओं ने वन अधिकार अधिनियम को कड़ाई से लागू करते हुए वनों पर आश्रित परिवार को वन भूमि का पट्टा देने, आदिम जनजाति पेंशन योजना से वंचित परिवार को पेंशन का लाभ देने, आदिम जनजाति बोर्ड निगम का गठन करने, आदिम जनजातियों की हड़पी गयी जमीन को वापस दिलाने आदि की मांग की है.
परिषद के लोगों ने राज्य पाल के नाम मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा.कार्यक्रम में सुनील कुमार, देवनारायण परहिया, सीताराम कोरवा, प्रयाग परहिया, गोपाल परहिया, सुशील कोरवा, जयमंगल कोरवा, आश्रिता देवी, अनिता देवी, चांदनी देवी, बनारसी देवी, विजय परहिया, सरयू परहिया, शत्रुघ्न असुर, कमेश कोरवा, राजेश कोरवा, उमेश कोरवा सहित काफी संख्या में आदिम जनजाति परिवार के लोग शामिल थे.