आनंद मार्ग के लोगों ने मनाया नीलकंठ दिवस
मेदिनीनगर : रविवार को आनंद मार्ग परिवार के लोगों ने नीलकंठ दिवस मनाया. इस अवसर पर आनंदमार्ग से जुड़े लोग भजन कीर्तन के साथ मानव की सेवा में लगे रहे. आनंद मार्ग के महिला विभाग ने नई मुहल्ला स्थित आश्रम में तीन घंटे का अष्टाक्षरी मंत्र बाबा नाम केवलम का जप किया गया. इसके बाद […]
मेदिनीनगर : रविवार को आनंद मार्ग परिवार के लोगों ने नीलकंठ दिवस मनाया. इस अवसर पर आनंदमार्ग से जुड़े लोग भजन कीर्तन के साथ मानव की सेवा में लगे रहे. आनंद मार्ग के महिला विभाग ने नई मुहल्ला स्थित आश्रम में तीन घंटे का अष्टाक्षरी मंत्र बाबा नाम केवलम का जप किया गया.
इसके बाद जेलहाता स्थित जिला आवासीय दिव्यांग विद्यालय के विद्यार्थियों को भोजन कराया गया. मौके पर अवधुतिका आनंदनम्रता आचार्य, हीरालाल, रामस्वरूप, सहज प्रिया, अनीता, उर्मिला, मुन्नी, शारदा सहित अन्य लोग मौजूद थे. आनंद मार्ग के लोगों ने बताया कि मानव कल्याण के लिए समर्पित आनंद मार्ग के परमपिता गुरुदेव श्री- आनंदमूर्ति जी को 12 फरवरी 1973 को जेल में पोटेशियम साइनाइड जहर दिया गया था. इस घटना को लोग नीलकंठ दिवस के रूप में याद करते है.
सन्यासी विश्व स्वरूपानंद अवधूत ने बताया कि उस समय राजनीतिक दलों द्वारा आनंद मार्ग पर बैन लगाने की बात चल रही थी. उसी समय श्री-श्री आनंदमूर्ति जी को गिरफ्तार भी कर लिया गया और उनसे कहा गया कि आपने जो सामाजिक, आर्थिक सिद्धांत प्रउत के रूप में दिया है उसे वापस ले लें. लेकिन गुरुदेव ने यह स्वीकार नहीं किया.
राजनीति से प्रेरित होकर जेल में ही उनकी हत्या करने के उद्देश्य से जहर दिया गया था. इस षड्यंत्र में वे बच निकले. उन्हें छह साल जेल में अनशन किया. 2 अगस्त 1978 को बाबा जेल से निकले. गुरुदेव के शरीर छोड़ने के बाद संस्था ने 12 फरवरी को नीलकंठ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया.