टैक्स जमा करने में रुचि नहीं दिखा रहा है सरकारी विभाग

मेदिनीनगर : पलामू में होल्डिंग टैक्स जमा करने के मामले में सरकारी विभाग अपेक्षित रुचि नहीं दिखा रही है. इतना ही नहीं झारखंड संपत्ति कर नियमावली के तहत होल्डिंग टैक्स स्वनिर्धारण फार्म भरे जाने के मामले में भी अभी तक सरकारी विभागों ने उदासीनता दिखायी है. बताया जाता है कि अभी तक किसी भी सरकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2017 8:30 AM
मेदिनीनगर : पलामू में होल्डिंग टैक्स जमा करने के मामले में सरकारी विभाग अपेक्षित रुचि नहीं दिखा रही है. इतना ही नहीं झारखंड संपत्ति कर नियमावली के तहत होल्डिंग टैक्स स्वनिर्धारण फार्म भरे जाने के मामले में भी अभी तक सरकारी विभागों ने उदासीनता दिखायी है.
बताया जाता है कि अभी तक किसी भी सरकारी विभाग द्वारा स्वनिर्धारण फार्मा जमा नहीं किया गया है.जबकि सरकार ने जो नियम तय किया है, उसके मुताबिक होल्डिंग टैक्स अदा करने वाले सरकारी व गैर सरकारी सभी इस नियम के परिधि में आते हैं. इसके बाद भी अभी तक एक भी विभाग द्वारा सैफ फार्म जमा नहीं करना कई सवालों को खड़ा कर रहा है.
जबकि स्वनिर्धारण फार्म जमा करने की तिथि में दो बार विस्तार हुआ है. जो नया विस्तार हुआ है, उसके मुताबिक 23 फरवरी तक स्वनिर्धारण फार्म जमा किया जायेगा. इसके बाद भी सरकारी विभाग रुचि नहीं दिखा रही है. नगर पर्षद की अध्यक्ष पूनम सिंह की माने तो पूर्व में उन्होंने यह सवाल उठाया था, तब कार्यपालक पदाधिकारी ने उन्हें यह जानकारी दी थी कि सरकार का जो पत्र है, उसके मुताबिक सरकारी विभाग इसके दायरे में नहीं आते. कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा दी गयी जानकारी को पर्षद की अध्यक्ष नगर विकास विभाग के मंत्री सीपी सिंह के समक्ष रखा था. जब वह 12 फरवरी को पलामू दौरे पर थे. इसके बाद मंत्री ने स्थिति स्पष्ट की थी. इसके बाद इस मामले में सक्रियता दिखी. लेकिन दो दिन के बाद भी किसी भी विभाग का स्वनिर्धारण फार्म जमा नहीं हुआ है. एक तरफ जहां विभाग आमलोगों पर दबाव बना रहा है. फार्म नहीं भरने पर जुर्माना की बात कही जा रही है. वैसे में सरकारी विभाग के प्रति नरम रवैया कई सवाल खड़ा कर रहा है. आखिर इस मामले में नगर पर्षद प्रशासन की चुप्पी क्यों?
क्या कहते हैं आंकड़े : आंकड़ों की माने तो मेदिनीनगर नगर पर्षद का सरकारी विभागों पर होल्डिंग टैक्स के रूप में तीन करोड़ 49 लाख 82 हजार रुपया बकाया है. आंकड़ों के अनुसार पिछले साल बकाये की राशि तीन करोड़ 29 लाख 8 हजार एवं 2015-16 का टैक्स 22 लाख 73 हजार है. इस तरह सरकारी भवन पर नगर पर्षद का बकाया होल्डिंग टैक्स तीन करोड़ 51 लाख 81 हजार रुपया बकाया था. जिसमें से 31 जनवरी -2017 तक एक लाख 99 हजार रुपये की वसूली हुई. इसके अलावे निजी टैक्स होल्डिंग धारकों के पास दो लाख 5 हजार, पालिका बाजार की दुकानों का बकाया किराया एक करोड़ 16 लाख 66 हजार,पानी टैक्स एक करोड़ 11 लाख 23 हजार, ट्रेड लाइसेंस का 92 हजार रुपया बकाया है.
इस तरह नगर पर्षद होल्डिंग टैक्स व किराया के रूप में अब तक 5 करोड़ 81 लाख 50 हजार रुपया बकाया है. बताया गया कि जो विभाग होल्डिंग टैक्स धारक है उनमें उपायुक्त कार्यालय, एसपी कार्यालय, बिजली विभाग,शिक्षा विभाग, उत्पाद विभाग, सिंचाई विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, वनविभाग सहित दो दर्जन से अधिक सरकारी कार्यालयों का नाम शामिल है. इन सभी सरकारी कार्यालय होल्डिंग टैक्स धारक है.लेकिन शहर में कई ऐसे सरकारी कार्यालय व भवन है जो नगर पर्षद को होल्डिंग टैक्स नहीं देते है.

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