नहीं शुरू हुआ जैकवेल का निर्माण

शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू का निर्माण कार्य काफी धीमा मेदिनीनगर : शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू का काम की प्रगति काफी धीमी है. एकरारनामा के मुताबिक इस योजना को 27 माह में पूरा करना है. इसमें नौ माह गुजर गये हैं. लेकिन इस अवधि में कार्य की अपेक्षित प्रगति नहीं है. बताया गया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2017 7:58 AM
शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू का निर्माण कार्य काफी धीमा
मेदिनीनगर : शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू का काम की प्रगति काफी धीमी है. एकरारनामा के मुताबिक इस योजना को 27 माह में पूरा करना है. इसमें नौ माह गुजर गये हैं. लेकिन इस अवधि में कार्य की अपेक्षित प्रगति नहीं है. बताया गया कि 25 फरवरी तक जैकवेल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
पिछले माह नगर विकास मंत्री सीपी सिंह पलामू आये थे, तो उस दौरान उन्होने इस योजना की प्रगति की समीक्षा की थी. तब उन्हें यह बताया गया था कि कार्य प्रगति पर है और 25 फरवरी तक जैकवेल का काम शुरू हो जायेगा. लेकिन अभी जो स्थिति है वह यह कि कार्य शुरू नहीं हो पाया है. कब तक कार्य शुरू होगा, यह बता पाने की स्थिति में पेयजल व स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता भी नहीं है, जबकि मंत्री के समक्ष कार्यपालक अभियंता ने ही बताया था कि 25 फरवरी तक कार्य शुरू जायेगा. आखिर तय समय सीमा के मुताबिक कार्य क्यों शुरू नहीं हुआ.
इस सवाल पर कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह का कहना है कि यह सही है कि मंत्री के समक्ष जो तिथि बतायी गयी थी, उसके मुताबिक कार्य शुरू नहीं हुआ. दरअसल यह कार्य संवेदक एसएमएस पर्यावरण द्वारा कराया जा रहा है. विभाग इसका अनुश्रवण करता है. ऐसे में संवेदक द्वारा जो जानकारी दी जाती है, उसके आधार पर वे लोग विभाग की बैठक में जानकारी देते है. अभी की जो स्थिति है, उसके मुताबिक दो जलमीनार का काम शुरू हुआ है. जो स्थिति है, उसे देख कर नहीं लगता कि तय समय सीमा पर यह कार्य पूरा हो पायेगा.
क्या है योजना
शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू के तहत 32 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाया जाना है. सात जगहों पर जलमीनार बनाया जाना है. साथ ही कोयल नदी मे जैकवेल बनना है. शहरी जलापूर्ति योजना फेज वन के तहत जो जैकवेल बनना था, वह नहीं बन सका था. इसके कारण कई बार बरसात के मौसम में नदी में पानी अधिक होता है, तो फिल्टर प्लांट में बालू जमा हो जाता है. इसके कारण जलापूर्ति भी प्रभावित होती है. फेज टू की योजना पर करीब 54 करोड़ रुपये खर्च होने हैं.

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