जल संकट दूर करने के लिए सक्रिय है प्रशासन

चापाकल का सत्यापन भी किया गया और ग्रामीणों से पेयजल की स्थिति की जानकारी ली गयी मेदिनीनगर : राज्य के आदिवासी कल्याण सचिव गौरीशंकर मिंज ने पलामू जिले के लेस्लीगंज, सतबरवा आदि प्रखंडों में भ्रमण कर पेयजल की स्थिति का जायजा लिया. बुधवार को परिसदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आदिवासी कल्याण सचिव गौरीशंकर मिंज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2017 8:25 AM
चापाकल का सत्यापन भी किया गया और ग्रामीणों से पेयजल की स्थिति की जानकारी ली गयी
मेदिनीनगर : राज्य के आदिवासी कल्याण सचिव गौरीशंकर मिंज ने पलामू जिले के लेस्लीगंज, सतबरवा आदि प्रखंडों में भ्रमण कर पेयजल की स्थिति का जायजा लिया. बुधवार को परिसदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आदिवासी कल्याण सचिव गौरीशंकर मिंज ने बताया कि गरमी में पेयजल की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए राज्य के मुख्य सचिव के द्वारा उन्हें पलामू की जिम्मेवारी दी गयी है.
मुख्य सचिव के आदेश के आलोक में पिछले दो दिनों से वे पलामू जिले के सतबरवा, लेस्लीगंज प्रखंड का भ्रमण कर गांवों में पेयजल की स्थिति की जानकारी ली. साथ ही जिन गांवों व टोलों में पेयजल की किल्लत महसूस की गयी, वहां पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक निर्देश दिया गया है.
दो दिवसीय क्षेत्र भ्रमण के दौरान गांवों में चापाकल का सत्यापन भी किया गया और ग्रामीणों से पेयजल की स्थिति की जानकारी ली गयी. कई जगहों पर पाया गया कि पेयजल की समस्या है. लेकिन स्थिति भयावह नहीं है फिर भी जल संकट से लोगों को निजात मिले, इसके लिए मुखिया, जल सहिया आदि को आवश्यक निर्देश दिया गया है. ग्रामीणों को भी यह बताया गया है कि चापानल खराब होने या पेयजल की समस्या होने पर संबंधित पंचायत के मुखिया व जल सहिया को तत्काल सूचना दें.
24 घंटे के अंदर चापानल की मरम्मती करायी जायेगी. जरूरत पड़ने पर वैसे गांव व टोले में टैंकर से भी जलापूर्ति करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि 251 से अधिक ऐसे चापाकल हैं, जो खराब पड़े है
उनकी मरम्मत का निर्देश दिया गया है. सतबरवा प्रखंड के मानासोती के लेदवाखाड़ टोला में परहिया जाति के 30 परिवार रहते है. इस टोले में चापानल है लेकिन पेयजल की समस्या बनी हुई है. बहुत कम ही जगह ऐसे है जहां चापानल काम नहीं कर रहा है. जल संकट से निबटने के लिए प्रशासन पूरी सक्रियता के साथ लगा है. अगले चरण में वे सुदूरवर्ती इलाकों में भ्रमण कर पेयजल की स्थिति का जायजा लेंगे.
उन्होंने कहा कि लेस्लीगंज के 21 गांव और किशुनपुर के 31 गांव में इंटकवेल बनाया जा रहा है. इंटकवेल का कार्य पूरा होने के बाद अगले वर्ष गरमी के दिनों में पानी मिलना शुरू हो जायेगा. उन्होंने लेस्लीगंज प्रखंड एरुआ गांव में सोलर सिस्टम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है. यह न सिर्फ एक बेहतर कदम है बल्कि पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण भी है. मौके पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह, जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार, जिला समन्वयक कृष्ण कुमार गुप्ता मौजूद थे.

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