मेदिनीनगर. नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में परीक्षा संबंधी कार्य एनसीसीएफ कंपनी कर रही है. जबकि इस कंपनी का इकरारनामा 29 जून 2022 को ही समाप्त कर दिया गया है. यह निर्णय क्रय-विक्रय समिति की बैठक में लिया गया था. अंतरिम वित्त समिति की 25वीं बैठक में वीसी की अध्यक्षता में यह आदेश पारित किया गया था. इसके बावजूद एनसीसीएफ से परीक्षा संबंधी कार्य लिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार तीन जनवरी 2023 को परीक्षा समिति की बैठक कर एनसीसीएफ को इकरारनामा समाप्त होने के बाद एक साल तक बिना टेंडर कराये प्रक्रिया का विस्तार कर दिया गया है. जबकि 29 जून की बैठक के प्रस्ताव संख्या नौ में इस बात का जिक्र था कि विश्वविद्यालय के तहत परीक्षा विभाग के सभी कार्यों के लिए नये सिरे से टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जायेगी. बैठक में वित्त पदाधिकारी ने सदस्यों को अवगत कराया था कि वर्तमान में कार्यरत एजेंसी एनसीसीएफ रांची की इकरारनामा की अवधि समाप्त हो रही है. एजेंसी का कार्य संतोषप्रद नहीं है. इसलिए सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि इस कार्य के लिए नये सिरे से टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जाये. 2019 में तीन साल के लिए मिला था टेंडर एनसीसीएफ कंपनी को 2019 में तीन एकेडमिक सेशन 2019-20, 20-21 व 21-22 के लिए टेंडर दिया गया था. 2022 में एक साल के लिए एक्सटेंशन दिया गया. 2023 में छह माह के लिए दोबारा एक्सटेंशन दिया गया. जिसकी कार्य अवधि दिसंबर 23 में खत्म हो चुकी है. लेकिन अभी तक एनसीसीएफ से काम लिया जा रहा है. परीक्षा सामग्री उपलब्ध कराती है एनसीसीएफ एनसीसीएफ कंपनी विश्वविद्यालय के अधीन परीक्षा कार्य से संबंधी सामग्री उपलब्ध कराती है. विद्यार्थियों को कॉपी, मार्क्सशीट तैयार करना, सर्टिफिकेट, एडमिट कार्ड, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, पासिंग सर्टिफिकेट उपलब्ध कराना इस कंपनी का काम है. इसके लिए एनसीसीएफ प्रत्येक परीक्षार्थी से करीब 1200 रुपये लेती है. इसके बाद भी निर्धारित समय पर रिजल्ट नहीं दे पाती है. न ही काम में पूरी पारदर्शिता है. जिसके कारण विद्यार्थी हमेशा आंदोलनरत रहते हैं. फिर भी विश्वविद्यालय एनसीसीएफ कंपनी को क्यों अवधि विस्तार दे रहा है, यह सभी के समझ से परे है. टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है : परीक्षा नियंत्रक एनपीयू के परीक्षा नियंत्रक एमके दीपक ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है. परीक्षा के लिए जो सेकेंड कॉपी विद्यार्थियों को दी जाती है. उसके लिए भी टेंडर नहीं हुआ है. इन सभी चीजों के लिए टेंडर किया जाना है.
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