मेदिनीनगर : भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने लोकसभा व राज्य सभा से पारित कृषि विधेयक को किसान विरोधी करार दिया है. इस विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर गुरुवार को सीपीआइ ने पलामू समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व पलामू जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी कर रहे थे. दोपहर रेड़मा स्थित सीपीआइ कार्यालय से रैली निकाली गयी.
शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए सीपीआइ के नेता व कार्यकर्ता समाहरणालय पहुंचे. उपायुक्त कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन के बाद राज्यपाल के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया. सीपीआइ के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सूर्यपत सिंह ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए नीति तैयार कर रही है.
किसानों की दशा सुधारने के नाम पर केंद्र की भाजपा सरकार ने बगैर बहुमत के जो तीन कृषि विधेयक जबरन पारित कराया है, वह किसान विरोधी है. इस विधेयक से किसानों की दशा नहीं सुधरेगी. जबकि कॉरपोरेट घरानों को सीधा लाभ मिलेगा और किसान कॉरपोरेटों के गुलाम बन कर रह जायेंगे. उन्होंने किसान मजदूरों से अपील किया कि अपने अधिकार के लिए एकजुट होकर आंदोलन को आगे बढ़ाये.
किसी भी परिस्थिति में इस काले कानून को लागू नहीं होने दिया जायेगा. जिला सचिव श्री तिवारी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपने छह वर्ष के कार्यकाल में देशहित में कोई भी काम नहीं किया. बल्कि देश की संपत्ति को कॉरपोरेट घरानों के हाथों बेचना शुरू किया है.
इस विधेयक के लागू होने के बाद किसानों की जमीन व उसकी उपज पर कॉरपोरेटों का कब्जा हो जायेगा और किसान गुलाम की तरह काम करेंगे. सीपीआइ किसान मजदूरों को एकजुट कर आंदोलन तेज करेगी और सरकार को इस विधेयक को निरस्त करने के लिए झुकने पर विवश कर देगी.
मौके पर केडी सिंह, ललन सिन्हा, जितेद्र सिंह, चंद्रशेखर तिवारी, मनाजरूल हक, सुरेश ठाकुर, अल्लाउद्दीन, पुरनचंद साव, चरितर भुइयां, राजेंद्र बैठा, वीरेंद्र सिंह, रामजन्म, हरि भुइयां, शोभा कुमारी, विमला कुंवर, प्रभु शर्मा, अजेश चौहान, राजदेव उरांव, महेंद्र राम, कुलदीप पंडित, प्रभु साव, इप्ट के रविशंकर, शशि पांडेय, संजू सहित कई लोग शामिल थे.
posted by : sameer oraon