पलामू : PTR को आग से बचाने में ये तरीका कारगर, तुरंत मिलता है अलर्ट, जानें कैसे

पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के एरिया में पिछली बार आग लगने की घटना के मुकाबले अबतक इस बार 10% भी आगजनी की घटना नहीं हुई है. पीटीआर के इतिहास में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. दरअसल, पीटीआर को आग से सुरक्षित रखने के लिए फायर कंट्रोल प्लान तैयार किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2023 5:16 PM

बेतला, संतोष कुमार. पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के एरिया में पिछली बार आग लगने की घटना के मुकाबले अबतक इस बार 10% भी आगजनी की घटना नहीं हुई है. पीटीआर के इतिहास में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. दरअसल, पीटीआर को आग से सुरक्षित रखने के लिए फायर कंट्रोल प्लान तैयार किया गया है. 1129 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले पलामू टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्र और इससे सटे इलाकों को सुरक्षा के इस घेरे में लिया गया है. अग्नि सुरक्षा समिति का गठन करने के साथ-साथ आग से बचाव के लिए सेटेलाइट सर्विलांस सेवा की शुरुआत की गयी है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा पीटीआर के वरीय पदाधिकारियों व कर्मियों के मोबाइल नंबर को रजिस्टर कर दिया गया है. जैसे ही पीटीआर के किसी भी क्षेत्र में आग लगती है इसकी सूचना सेटेलाइट के माध्यम से तत्काल फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया को हो जाती है. इसके बाद वहां से वन विभाग के कर्मियों के रजिस्टर्ड मोबाइल पर अलर्ट का मैसेज भेज दिया जाता है. जिसके कारण जिस क्षेत्र में आग लगती है उसकी खबर संबंधित कर्मियों व पदाधिकारियों को हो जाती है.

इतना ही नहीं रांची के हेड ऑफिस में भी इसकी सूचना मिल जाती है. जैसे ही वनरक्षी, रेंजर व डीएफओ को अलर्ट का मैसेज पहुंचता है अविलंब वहां पर आग बुझाने के लिए रेस्क्यू टीम पहुंच जाती है. जिससे आग लगने के कुछ ही देर में तत्काल आग पर काबू पा लिया जाता है और यह अधिक क्षेत्रफल में फैल नहीं पाता है. गर्मी के दिनों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. आग लगने से वन और वन्यजीवों की बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचती है. वन क्षेत्र को आग से महफूज रखने के लिए पीटीआर प्रशासन ने इसके लिए पुख्ता इंतजाम किया है जिसके कारण अभी तक आगजनी की कोई बड़ी घटना होने की सूचना नहीं है. जैव विविधता से भरपूर पलामू टाइगर रिजर्व में हजारों प्रकार के वनस्पतियों के अलावा करीब इतने प्रकार के ही वन्यजीव शामिल है. आग लगने की घटना के बाद यह तेजी से जंगल में फैल जाता है और वन व वन्यप्राणियों को भारी क्षति पहुंचती है.

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रेस्क्यू टीम की यह तैयारी

पीटीआर के बेतला, छिपादोहर, गारू, मंडल, बारेसाढ़, महुआडाड़, आदि सभी आठ रेंजों में फायर लाइन तैयार की गयी है. कंट्रोल रूम सक्रिय हैं. फायर वॉचरों को निगरानी के लिए लगाया गया है. टीम के पास ब्लोवर मौजूद है. अग्नि सुरक्षा समिति अलग-अलग इलाकों में तैनात है सूचना मिलते ही आगजनी की घटना वाले स्थल पर टीम रवाना हो जाती है. आग बुझाने में रेंजर, फॉरेस्टर के अलावे वरीय पदाधिकारी भी शामिल हो जाते हैं.

क्या कहते हैं फिल्ड डायरेक्टर

पीटीआर के फिल्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि पीटीआर को आग से बचाने के लिए प्रबंधन पूरी तरह से सतर्क है. इन दिनों आगजनी की घटना बढ़ने की संभावना रहती है. पिछली बार की तुलना में इस बार कुछ ही जगह पर आग लगा है और उसे बड़ी जल्दी ही बुझा लिया गया है. आगे भी टीम सतर्क है.

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