मेदिनीनगर. सरकार के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य समिति की देखरेख में पलामू में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू हुआ. शनिवार को एमएमसीएच परिसर में आयोजित एमडीए-आइडीए कार्यक्रम की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने की. उन्होंने कहा कि पलामू को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है. फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक होना होगा. वर्ष में एक दिन दवा सेवन करने से पलामू फाइलेरिया मुक्त नहीं बनेगा. बल्कि जागरूकता से ही फाइलेरिया को फैलने से रोका जा सकता है. इससे बचाव के लिए मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए. फाइलेरिया का मच्छर पैदा न हो, इसके लिए भी कारगर उपाय करना चाहिए. जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ एसके रवि ने कहा कि फाइलेरिया गंभीर बीमारी है. जिससे शरीर के अंग प्रभावित होते हैं. यह संक्रमण की बीमारी है, जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है. कार्यक्रम का संचालन महामारी विशेषज्ञ डॉ अनूप कुमार ने किया. कार्यक्रम में शामिल लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खिलायी गयी. मौके पर डीएमओ डॉ जितेंद्र कुमार, डीपीएम प्रदीप सिन्हा, सुखराम, दीपक गुप्ता, नीति आयोग के सदस्य आभासी दीक्षित, आलोक सिंह, पिरामिड संस्था के अमित, विजय, अनुभव, आरसीआइ के कुमार अनूप सहित कई लोग मौजूद थे.
25 अगस्त तक चलेगा अभियान :
सीएस ने कहा कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में एमडीए-आइडीए कार्यक्रम शुरू हुआ है. जो 25 अगस्त तक चलेगा. 10 अगस्त को चिह्नित बूथों पर दवा खिलायी गयी. 11 अगस्त से दवा प्रशासक डोर-टू-डोर जाकर लोगों को दवा खिलायेंगे. जिले में 19 लाख 91 हजार 297 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलायी जायेगी. फाइलेरिया उन्मूलन के लिए डीइसी, अल्बेंडाजोल एवं आइवर मेक्टिंन दवा की खुराक दी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है