मेदिनीनगर. पलामू सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग पलामू में फाइलेरियारोधी अभियान चलायेगा. 10 अगस्त से यह अभियान शुरू होगा. 25 अगस्त तक चलने वाले एमडीए-आइडीए कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गयी है. जिले में 19 लाख 91 हजार 297 लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा देने का लक्ष्य है. सरकार द्वारा डीइसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली उपलब्ध करा दी गयी है. दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलायी जायेगी. उन्होंने कहा कि अभियान के पहले दिन 10 अगस्त को चिह्नित 2250 बूथों पर दवा खिलायी जायेगी. इसके लिए जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, विद्यालय एवं अन्य सार्वजनिक स्थल को बूथ के रूप में चिह्नित किया गया है. इसके बाद दवा प्रशासक घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलायेंगे. सीएस ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए .फाइलेरिया की वजह से हाथ-पांव एवं हाइड्रोसिल में सूजन हो जाता है. इसके बचाव के लिए दवा का सेवन करना अनिवार्य है.
अभियान में लगेंगे 4599 दवा प्रशासक व 328 सुपरवाइजर :
इस अभियान में 4599 दवा प्रशासक एवं 328 सुपरवाइजर को लगाया जायेगा. उन्होंने बताया कि जिले में 49,1300 डीइसी, 19,22000 अल्बेंडाजोल और 50,2300 आइवरमेक्टिन दवा उपलब्ध है. सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक दवा पहुंचा दी गयी है. दवा खाने के बाद किसी को चक्कर, उल्टी, पेट दर्द जैसी शिकायत होती है, तो निश्चित रूप से उस व्यक्ति के अंदर माइक्रो फाइलेरिया का अंश है. वैसे लोगों की सूची तैयार करायी जायेगी. फिलहाल जिले में 1300 फाइलेरिया का पॉजीटिव केस है. मौक पर एमडीए-आइडीए के नोडल अफसर सह जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ जीतेंद्र कुमार मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है