बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान
बताया गया कि वैवाहिक आयोजन के पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वर-वधू निर्धारित आयु से कम के तो नहीं हैं.
मेदिनीनगर. बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन ने शुक्रवार को जागरूकता अभियान चलाया. इस क्रम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार व संरक्षण पदाधिकारी केडी पासवान ने मैरिज हॉल, मंदिर, टेंट व्यवसायी, बैंड बाजा, कैटरर संचालक के अलावे पंडित व मौलवियों को बाल विवाह रोकने का सख्त निर्देश दिया. उन्हें बताया कि किसी भी वैवाहिक आयोजन के पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वर-वधू निर्धारित आयु से कम के तो नहीं हैं. यदि ऐसा पाया गया, तो दोनों पक्षों के अलावा आयोजनकर्ता सहित सभी व्यक्तियों पर कार्रवाई की जायेगी. इसके तहत दो वर्ष की सजा व एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष व लड़के की उम्र 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. इससे कम आयु की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है. लोगों से भी अपील की गयी कि यदि कहीं बाल विवाह हो रहा है, तो उसकी शिकायत करें. उनका नाम गुप्त रखा जायेगा. वहीं राम जानकी मंदिर, ठाकुरबाड़ी, रेड़मा, जामा मस्जिद छह मुहान में बाल विवाह जागरूकता का फ्लेक्स बोर्ड भी लगाया गया. मौके पर निक्कू पाठक, शुभ्रा कुमारी, जहुर अंसारी, डॉ तबरेज आलम, सचिन पांडेय, ओम प्रकाश, मनीष पाल, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रणव कुमार व धीरेंद्र किशोर उपस्थित थे.
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