जेबीएस से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी : अधीक्षक

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डा धर्मेंद्र कुमार ने गिलियन-बैरे सिंड्रोम को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2025 9:44 PM

मेदिनीनगर. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डा धर्मेंद्र कुमार ने गिलियन-बैरे सिंड्रोम को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. बीमारी को लेकर कहां की जीबीएस से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है. जेबीएस दूषित जल और कच्चा भोजन का सेवन करने से फैलता है. यह बीमारी कोरोना संक्रमण जैसा नहीं है और ना ही एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है. इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है. बल्कि लोगों को सचेत और सावधान रहना चाहिए. उन्होंने गिलियन बैरे सिंड्रोम एक न्यूरोलाजिकल विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से पेरिफेरल नर्व्स (परिधीय तंत्रिकाओं) पर अटैक कर देती है. इस कारण हाथ पैर में कमजोरी, अंगों में झिनझिनी और गंभीर मामलों में लकवा जैसी परेशानी का खतरा बढ़ जाता है. जीबीएस के कारण लकवा मारने और सांस लेने में समस्या हो सकती है. कहा कि हाथ पैर की उंगलियों, टखनों या कलाई में सूई चुभने जैसा एहसास होने, सांस लेने में परेशानी या शरीर के किसी अंग में असामान्य रूप से कमजोरी महसूस हो, तो इसे अनदेखा नहीं करें. बल्कि तत्काल इलाज करायें. इस बीमारी से बचाव के लिए नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें. बाहर कुछ भी खाने-पीने से परहेज करें, ताकि बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा कम हो सके. वायरल इंफेक्शन से पीड़ित नहीं हों, क्योंकि यह बीमारी वायरल इंफेक्शन के बाद भी फैल सकती है. नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर की ताकत और तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से तैयार है. मौके पर डा आरके रंजन, डा मनीषा तिर्की, डा विनीता, नैंसी खलखो मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version