मेदिनीनगर. स्वास्थ्य विभाग के द्वावा लिंग चयन तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध को लेकर जागरूकता रैली निकाली गयी. बुधवार को समाहरणालय परिसर से जागरूकता रैली शुरू हुई. पलामू के डीसी शशि रंजन ने हरी झंडी दिखा कर रैली को रवाना किया. डीसी श्री रंजन ने प्री कंसेप्सनल एंड प्री नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक अधिनियम (पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट) के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि भारत में कन्या भ्रूण हत्या एवं घटते लिंगानुपात को रोकने में यह अधिनियम कारगर साबित हो रहा है. पलामू जिले में इस अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने की आवश्यकता है. जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के महिला-पुरुषों को इस अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्ष 1994 में भारत के संसद से पीसीपीएनडीटी एक्ट पारित किया गया. इस अधिनियम के तहत गर्भाधान से बाद एवं प्रसव से पहले लिंग निर्धारण के लिए तकनीकी जांच करना अपराध है. इस अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है. कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगे, इसके लिए जनमानस में इस अधिनियम के प्रति जागरूकता आवश्यक है. जागरूकता से लिंग चयन तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाये जाने में मदद मिलेगी. डीसी श्री रंजन ने इस अधिनियम के बारे में व्यापक स्तर पर जन जागरूकता के लिए गतिविधियां संचालित करने का सुझाव स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को दिया. जागरूकता रैली समाहरणालय परिसर से निकल कर शहीद चौक, छह मुहान, शहर थाना रोड, शहीद भगत सिंह चौक होते हुए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचा. रैली के माध्यम से लोगों को पीसीपीएनडीटी अधिनियम के बारे में जानकारी दी गयी और लोगों से इसका पालन करने की अपील की गयी. जागरूकता रैली में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ अनिल श्रीवास्तव, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम प्रदीप कुमार सिन्हा, एएनएम सहित कई स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है