धनवान व बलवान से ज्यादा श्रेष्ठ चरित्रवान : डॉ मिश्र

मानस कोविद डॉ मदन मोहन मिश्र ने प्रभु श्रीराम का चरित्र अपनाने पर दिया जोर

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2024 9:33 PM

मेदिनीनगर. शहर के रांची रोड रेड़मा स्थित ठाकुरबाड़ी परिसर में आयोजित महायज्ञ में काशी से पधारे मानस कोविद डॉ मदन मोहन मिश्र ने प्रभु श्रीराम के चरित्र को अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि समाज में धनवान व बलवान से ज्यादा श्रेष्ठ चरित्रवान होता है. व्यक्ति के आचरण से ही उसकी पहचान बनती है. प्रभु श्रीराम ने समाज में जो आदर्श प्रस्तुत किया है, उसे अपनाने की आवश्यकता है. रावण शक्तिशाली व ज्ञानी था. लेकिन अधर्मी व चरित्रहीन होने के कारण आज उसका पुतला दहन किया जाता है. समाज में वह घृणा का पात्र है. उन्होंने कहा कि हनुमान जी के चरित्र से सीख लेनी चाहिए. हनुमान जी ने सुग्रीव व विभीषण को प्रभु श्रीराम से मिलाकर लोगों को समाज में जोड़ने का संदेश दिया. मनुष्य के जीवन में संवेदनशीलता जरूरी है, ताकि वे दूसरों की वेदना को समझ सके. वहीं मानस कोकिला सुधा पांडेय ने माता शबरी की रामभक्ति पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि भक्ति मानव जीवन का आभूषण है. इसके बिना जीवन निरर्थक हो जाता है. प्रभु श्रीराम माता शबरी की भक्ति से प्रभावित होकर जूठे बेर खाये. वहीं जटायु ने सीता रूपी संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी. समाज को परोपकार का संदेश दिया. परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है.

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