आनंदमार्गियों ने मनाया श्रीश्री आनंदमूर्ति का जन्मोत्सव
नयी मुहल्ला स्थित आनंद मार्ग के जागृति केंद्र में कार्यक्रम हुआ. बच्चों के लिए कई प्रतियोगिता हुई, शोभायात्रा निकाली गयी
मेदिनीनगर.
आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी का 103वां जन्मोत्सव गुरुवार को आनंद पूर्णिमा उत्सव के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर शहर के नयी मुहल्ला स्थित आनंद मार्ग के जागृति केंद्र में कार्यक्रम हुआ. अनुयायियों ने श्री श्री आनंद मूर्ति जी की पूजा की. इसके बाद बाबा नाम केवलम का कीर्तन हुआ. इससे पहले सुबह अनुयायियों ने शोभायात्रा निकाली. जो स्टेशन रोड, चर्च रोड, शहीद चौक, महात्मा गांधी मार्ग, छहमुहान, सुभाष चौक, बेलवाटिका चौक होते हुए वापस हुई. शोभायात्रा में शहरी एवं ग्रामीण इलाकों से आये महिला-पुरुष अनुयायी शामिल थे. इस दौरान अनुयायियों ने मानव-मानव एक है. मानव का धर्म एक है का जयघोष किया. वरिष्ठ आनंदमार्गी बैजनाथ ने श्री श्री आनंद मूर्ति के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला. कहा कि उनका जन्म 1921 ईस्वी में बुद्ध पूर्णिमा को बिहार के जमालपुर में हुआ था. उन्होंने स्वस्थ समाज एवं जीवन के कल्याण के लिए जो सिद्धांत दिया, उसके आधार पर चलने की आवश्यकता है. उन्होंने मानसिक, बौद्धिक व आध्यात्मिक विकास के लिए साधना का मार्ग प्रशस्त किया. आनंदमार्ग की स्थापना की. आज आनंद मार्ग समाज के चहुंमुखी विकास के लिए कार्य कर रहा है. साथ ही विश्व के कई देशों में अपने मिशन को लेकर सक्रिय है. जागृति केंद्र में बच्चों के बीच पेंटिंग, क्विज सहित अन्य प्रतियोगिता हुई. इसके बाद भंडारा में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. मौके पर विश्वनाथ, लक्ष्मण सिंह, गोपाल, अरविंद, प्रदीप, रामस्वरूप देव, मणिकांत, दीपक, संकर्षण, सहज प्रिया, रेणु, मधुबाला, शारदा, पूनम समेत काफी संख्या में आनंदमार्गी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है