ब्लड बैंक का चार वर्ष से लाइसेंस फेल
सदर अस्पताल परिसर में वर्तमान में मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल में संचालित हो रहा है. सदर अस्पताल का ब्लड बैंक का लाइसेंस पिछले चार साल पहले फेल हो चुका है
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शिवेंद्र कुमार, मेदिनीनगरसदर अस्पताल परिसर में वर्तमान में मेदिनीराय मेडिकल कालेज अस्पताल में संचालित हो रहा है. सदर अस्पताल का ब्लड बैंक का लाइसेंस पिछले चार साल पहले फेल हो चुका है. इसके बाद भी संचालित किया जा रहा है. 10 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को इस मामले की जानकारी दी. मेडिकल कॉलेज में नये सत्र में नामांकन को लेकर मेडिकल कॉलेज की ओर से सभी जानकारी आनलाइन एनएमसी भेजी गयी थी. जिसमें इस बात का जिक्र किया था कि सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस 30 सितंबर 2020 को ही फेल कर चुका है. जिसके बाद अभी तक लाइसेंस कर रिन्यूअल नहीं हुआ है. जबकि छह हजार रुपये लाइसेंस फीस के नाम पर व डेढ़ हजार रुपया इंस्पेक्शन फीस के नाम पर चालान से सात सितंबर 2020 को जमा किया जा चुका है. इसे लेकर एनएमसी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है. एनएमसी के अधिकारी का कहना है कि पिछले चार साल बीतने के बाद भी लाइसेंस का नवीकरण नहीं होना घोर लापरवाही है. इस मामले में 12 लाख जुर्माना भी लगाया जायेगा. टीम द्वारा ब्लड बैंक की जांच की गयी थी. जिसमें 12 कमियां पायी गयी.जांच के क्रम में पाया गया कि ब्लड बैंक में एलिजा मशीन अभी तक नहीं लगाया गया है. एलिजा मशीन द्वारा ब्लड के संक्रमण के बारे में जांच की जाती है. जिन लोगों द्वारा ब्लड दिया जा रहा है. एलिजा मशीन के जरिये जांच में एचआइवी व हेपेटाइटिस से संक्रमित पाये जाने पर संबंधित ब्लड को डोनेट नहीं किया जा सकता है. साथ ही ब्लड स्टोरेज होने पर उसमें अलार्मिंग सिस्टम भी यहां नहीं लगा हुआ था. थर्मोग्राफी की भी सुविधा नहीं थी. काउंसलर, प्लान लेआउट भी नहीं पाया गया था. जिसे पूरा करने का निर्देश दिया गया था. जबकि पूर्व में पलामू के सिविल सर्जन ने सात सितंबर 2020 को राज्य औषधि नियंत्रक निदेशालय के निदेशक को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी गयी थी कि सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक की अवधि 30 सितंबर 2020 को समाप्त होने वाला है. नवीकरण के लिए कार्रवाई के लिए भेजी जा रही है. लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी अभी तक सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का लाइसेंस का नवीकरण नहीं हो सका है.
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