पलामू में 80 वर्षों से हो रही चित्रगुप्त पूजा, कोयल नदी के तट पर बन रहा बेहद खूबसूरत चित्रगुप्त मंदिर

पलामू के मेदिनीनगर में पिछले 80 वर्षों से चित्रगुप्त पूजा हो रही है. सबसे पहले साहित्य समाज के मैदान में तत्कालीन कायस्थ समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा सबसे पहले चित्रगुप्त पूजा की गयी थी. शुरुआत में पंडाल बनाकर चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित की गयी थी. जिसे एक दिन बाद विसर्जन कर दिया जाता था.

By Guru Swarup Mishra | October 27, 2022 4:19 PM
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Chitragupta Puja 2022: पलामू जिले के मेदिनीनगर में धूमधाम से चित्रगुप्त पूजा मनायी गयी. इस अवसर पर चित्रांश परिवार के लोगों ने बढ़चढ़ कर पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया. शहर में दुर्गा मंडप और कोयल नदी के किनारे चित्रगुप्त मंदिर में पूजा-अर्चना की गयी. मेदिनीनगर में पिछले 80 वर्षों से चित्रगुप्त पूजा हो रही है. सबसे पहले साहित्य समाज के मैदान में तत्कालीन कायस्थ समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा सबसे पहले चित्रगुप्त पूजा की गयी थी.

पहले एक ही जगह होती थी पूजा

बताया जाता है कि शुरुआत में पंडाल बनाकर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित की गयी थी, जिसे एक दिन बाद विसर्जन कर दिया जाता था. कुछ साल बाद जब गीता भवन के पास ज्ञानशंकर सार्वजनिक दुर्गा मंडप बनाया गया तो वहीं दुर्गा पूजा व चित्रगुप्त पूजा किया जाने लगा. उस समय शहर में एक ही स्थान पर पूजा होती थी. 2010 से कोयल नदी के किनारे जब चित्रगुप्त मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ तो मंदिर निर्माण समिति के द्वारा निर्माणाधीन मंदिर में ही पूजा प्रारम्भ की गयी. यह मंदिर अभी भी निर्माणाधीन है. तब से शहर में दो स्थानों पर चित्रगुप्त पूजा होती है. बीच में रेड़मा में भी चित्रगुप्त पूजा की शुरुआत की गयी थी, लेकिन ये अधिक दिनों तक नहीं चली. 

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आकर्षक ढंग से सजाया गया दुर्गा मंडप ज्ञान शंकर सार्वजनिक दुर्गा मंडप को इस वर्ष चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर आकर्षक ढंग से सजाया गया है. भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा भी पिछले वर्ष की तुलना में काफी बड़ा है. इस बार कायस्थ परिवार के सभी कुलों को अलग-अलग प्रतिमाओं के जरिये दर्शाया गया है. यह काफी आकर्षक लग रहा है. दुर्गा मंडप में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के पलामू शाखा के माध्यम से पूजा का आयोजन  किया गया है. अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, संजय सिन्हा, अमर सहाय, प्रेम श्रीवास्तव आदि पूजा को सफल बनाने में लगे हुए हैं. यहां भंडारा का भी आयोजन किया गया. 

चित्रगुप्त मंदिर की सादगी से पूजा कोयल नदी के तट पर चित्रगुप्त मंदिर में आयोजित चित्रगुप्त पूजा में इसकी सादगी ही महत्वपूर्ण है. यह मंदिर पूर्ण होने की तरफ अग्रसर है. कोयल नदी के खूबसूरत तट पर स्थापित यह मंदिर काफी खूबसूरत है. इसकी प्राकृतिक छटा आने-जाने वालों को अपनी ओर आकर्षित करती है. मंदिर में भगवान चित्रगुप्त की सफ़ेद पत्थर की मूर्ति स्थापित है, जिसकी पूजा की जाती है. इस वर्ष भी यहां पारंपरिक तरीके से पूजा की गयी. सार्वजनिक चित्रगुप्त मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नवीन चंद्र गुप्ता एवं सचिव विनीत कुमार ने बताया कि शीघ्र ही मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. पूजा को सफल बनाने में गोपाल कृष्ण वर्मा, राजेंद्र प्रसाद सिन्हा, सतीश जौरिहार, सुनील सहाय आदि का सराहनीय योगदान रहा.

रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, मेदिनीनगर, पलामू

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