Jharkhand News : ऐसे तो देश में नटवरलाल की कोई कमी नहीं है. लेकिन एक अजीब व गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, गढ़वा थाना क्षेत्र के धुरकी के फाटापानी के उपेंद्र तुरिया को 2010 में अनुकंपा के आधार पर चौकीदार के पद पर नियुक्ति हुई थी. नियुक्ति के बाद प्रमाण पत्र की जांच में फर्जी पाया गया था. इसके बाद गढ़वा डीसी के पत्रांक 573 /10 दिसंबर 2014 के अनुसार बर्खास्त कर दिया गया था.
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के नाम से आयुक्त को भेजा फर्जी पत्र
बर्खास्त होने के बाद उपेंद्र तुरिया ने पलामू प्रमंडल आयुक्त के कार्यालय में नौ अक्टूबर 2015 को अपील दायर किया था. जिसके बाद उपेंद्र तुरिया ने मुख्य सचिव कार्यालय रांची के नाम से पत्रांक 3849 दिनांक 19 जुलाई 16 को पत्र भेजा था. जिसके माध्यम से राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त को भेज दिया था. जिसमें आदेश दिया गया था शैक्षणिक प्रमाण पत्र के कारण जिन सहायक व चौकीदार को बर्खास्त या हटाया गया है. उसे तत्काल बहाल किया जाए. इसके बाद उपेंद्र तुरिया को बहाल कर दिया गया था.
आयुक्त ने मुख्य सचिव कार्यालय से किया सत्यापन
जानकारी मिली कि मुख्य सचिव के नाम से आयुक्त को भेजा गया पत्र फर्जी है. इसके बाद पलामू प्रमंडल के आयुक्त मनोज कुमार झा ने मुख्य सचिव के कार्यालय को पत्र सत्यापन के संबंध में पत्र भेजा था. सत्यापन के दौरान मुख्य सचिव झारखंड के कार्यालय के पत्रांक 1119 दिनांक 11 अक्टूबर 2018 के माध्यम से बताया गया कि मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के नाम से इस तरह का कोई पत्र निर्गत नहीं किया गया है. न हीं इस तरह का कोई भी पत्र मुख्य सचिव कार्यालय से किसी भी प्रमंडल के आयुक्त को भेजा गया है.
चौकीदार को फिर से किया गया बर्खास्त, अब दर्ज हुई प्राथमिकी
इसके बाद उपेंद्र तुरिया को कई बार स्पष्टीकरण भेजा गया. लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उसे फिर से बर्खास्त कर दिया गया. वर्तमान आयुक्त बाल किशुन मुंडा ने उपेंद्र तुरिया पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे दिया. जिसके बाद आयुक्त के सचिव विजय वर्मा ने मंगलवार को देर शाम उपेंद्र तुरिया पर प्राथमिकी दर्ज करा दी है.