क्रिसमस को लेकर शांति की रानी महा गिरजाघर में रात्रि जागरण पूजा का आयोजन किया गया. रात्रि 10.30 बजे से 12 बजे के बाद प्रभु यीशु मसीह का जन्मोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर डाल्टनगंज धर्म प्रांत के पल्लियों के अनुयायियों के द्वारा क्रिसमस कैरोल गाए गए. यह जानकारी फादर मोरिस कुजूर ने दी.
बीसीसी यूनियन चर्च में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर शाम 05.30 बजे से विशेष संध्या आराधना की गयी. फादर प्रभु रंजन मसीही ने बाइबल का पाठ किया. प्रभु यीशु की शांति की वाणी दोहराई गयी. फादर मसीही ने विश्व कल्याण के लिए प्रभु यशु से प्रार्थना की.
मेदिनीनगर शहर में तकरीबन 113 केक की छोटी बड़ी दुकानें हैं. इन दुकानों में पिछले दो दिनों से केक की खूब मांग रही. शहर में बिकने वाले केकों में 10 प्रतिशत रांची से मंगाए जाते हैं, जबकि 90 प्रतिशत केक स्थानीय स्तर पर बनाए जाते हैं. माही केक सेंटर के मनोहर कुमार ने बताया कि शहर में 40 रुपए से 450 रुपए तक के रेडिमेड केक बिक रहे हैं. शहर में फ्रूट केक की भी काफी मांग है. उन्होंने कहा कि शहर में 4500 रुपए तक के केक ऑर्डर पर बनाए जा रहे हैं.
शहर की गिफ्ट दुकानों में भी क्रिसमस को लेकर काफी भीड़ रही. खास कर युवा और बच्चे गिफ्ट खरीदते ज्यादा देखे गए. 100 रुपए से लेकर 1200 रुपए तक के क्रिसमस ट्री, प्रभु यशु की प्रतिमा, सांता क्लॉज की मुखौटा, पोशाक आदि की काफी मांग रही.
शहर में करीब नौ मॉल हैं. क्रिसमस के मौके पर इन मॉलों को आकर्षक ढंग से सजाया गया. लगभग सभी मॉल में विंटर ड्रेस की खरीदारी पर 20 प्रतिशत से 60 प्रतिशत को छूट दी गई. सुबह से ही मॉल में खरीदारी करने वालो की भीड़ दिखी.
बाजार की बात करें तो सबसे अधिक भीड़ पांच मुहान इलाके में रही. इसका मुख्य कारण यहां केक दुकानों का अधिक होना है. शहर में सबसे अधिक केक के दुकान इसी इलाके में होने से खरीदारी करने वालों की भीड़ यहां अधिक थी. इस इलाके में गिफ्ट दुकानों में भी सुबह से क्रिसमस ट्री और अन्य गिफ्ट आइटम खरीदने वाले आते रहे. शहर के रेलवे स्टेशन स्थित बड़ा चर्च के परिसर में बनायी गयी विशाल चरनी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही. पूजा के पहले शाम से ही चरनी देखने लोग यहां पहुंच रहे थे.
चरनी में प्रभु यीशु का जन्म के समय को दर्शाया गया है. चरनी के बीचोंबीच रंगीन पानी का फव्वारा इसे और भी आकर्षक बना रहा है.
शांति की रानी गिरजाघर के बाहर प्रांगण में स्थित माता मरियम की प्रतिमा को भव्यता के साथ सजाया गया है. इसके सामने दीप और मोमबत्ती जलाने के लिए दीप स्टैंड और बालू रखा गया है. 25 दिसंबर को सुबह से ही इस जगह पर मोमबत्ती जलाने न केवल ईसाई समुदाय के बल्कि सभी धर्मों के लोग आते हैं.
रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू